लखनऊ में बनेगी 145 किमी. लंबी रिंग रोड, रोजाना 1 लाख लोगों को फायदा
UP News : उत्तर प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने की दिशा में योगी सरकार की तरफ से इंफ्रास्ट्रक्चर की कई प्रोजेक्ट पर काम तेजी से करवाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाकर आम जनता की आवागमन का कनेक्टिविटी शहरों से लेकर गांव तक आसान बनाई जा रही है। उत्तर प्रदेश की इस जिले में अब शहर के चारों तरफ लंबी स्टेट कैपिटल रिंग रोड बिछाई जाएगी जिससे 50000 लोगों को फायदा पहुंचेगा।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही है। एक बड़े प्रोजेक्ट के तहत अब यूपी के इस शहर में एक स्टेट कैपिटल रिंग रोड (State Capital Ring Road)बनाने की योजना पर काम तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है। औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय विकास को बढ़ावा देना। ग्रामीण इलाकों से शहरी इलाकों तक आवागमन आसान बनाना। लखनऊ में ट्रैफिक जाम, प्रदूषण और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए राज्य कैपिटल रिंग रोड की 145 किमी लंबी योजना बनाई जाएगी। यह सड़क केवल भारी वाहनों के लिए होगी और प्रमुख हाईवे से जुड़ी होगी।
अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया जाएगा। आउटर रिंग रोड के बाद, राज्य कैपिटल रिंग रोड को शहर के चारों ओर सिर्फ भारी वाहनों के लिए बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। स्टेट कैपिटल रिंग रोड लगभग 145 किलोमीटर लंबी होगी और इस पर सिर्फ मालवाहक और भारी वाहन चल सकेंगे।
यह कदम किसने उठाया?
रक्षा मंत्री और लखनऊ सांसद राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने इस परियोजना को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद को पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि संबंधित विभागों को संयुक्त सर्वे करके निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाने की आवश्यकता है।
जमीन की जांच शुरू, मंजूरी की तैयारी अब शुरू
एलडीए और आवास विकास परिषद ने इस पत्र के बाद सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की है। Proposal तैयार होते ही सांसद राजनाथ सिंह को भेजा जाएगा, जिसके बाद परियोजना को मंजूरी दी जाएगी।
भारी वाहनों के लिए अलग मार्ग, शहर को जाम से बचाना और प्रदूषण को कम करना
स्टेट कैपिटल रिंग रोड खास तौर पर ट्रक, ट्रेलर और कंटेनर जैसे भारी वाहनों के लिए बनाया जाएगा। यह हल्के वाहनों (दो पहिया) के लिए वर्जित नहीं होगा। इससे लखनऊ शहर में ट्रैफिक बोझ कम होगा और सड़क दुर्घटनाओं की आशंका भी कम होगी। स्टेट कैपिटल रिंग रोड को किसान पथ, आगरा एक्सप्रेसवे समेत एससीआर क्षेत्र के सभी हाईवे और एक्सप्रेसवे से सीधे जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इस कनेक्टिविटी से सुल्तानपुर, अयोध्या, वाराणसी, कानपुर और हरदोई से आने वाले भारी वाहन शहर में प्रवेश करने के बिना बाहर निकल जाएंगे।
50 से 80 हजार भारी वाहन प्रतिदिन राज्य कैपिटल रिंग रोड से गुजरते हैं, जिससे शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा। शहर से भारी वाहनों को बाहर निकालने से ध्वनि और वायु प्रदूषण भी कम होंगे। लखनऊ को एससीआर के तहत एक स्मार्ट ट्रैफिक मॉडल बनाने में मदद मिलेगी।