UP में बिछेगी 15 किलोमीटर की नई रेल लाइन, इंजन बदलने का समय बचेगा और 9 किमी दूरी कम होगी

UP News: भारतीय रेलवे, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, लगातार यात्रियों की सुविधा बढ़ाने पर काम कर रहा है। हर दिन लाखों यात्री ट्रेन से सफर करते हैं और अब इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में रेलवे लाइन विस्तार की नई योजना को मंजूरी मिल गई है। इस रेलवे लाइन के धरातल पर उतरने के बाद दो जिलों के बीच आवागमन पहले से काफी ज्यादा आसान और 4 से 5 घंटे का सफर दो से ढाई घंटे में पूरा होगा.

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UP में बिछेगी 15 किलोमीटर की नई रेल लाइन, इंजन बदलने का समय बचेगा और 9 किमी दूरी कम होगी

Uttar Pradesh News : सड़क नेटवर्क को नई दिशा देने के साथ ही अब उत्तर प्रदेश में रेलवे नेटवर्क को भी मजबूती देने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रदेश में जल्द ही एक नई रेलवे लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए 15 किलोमीटर लंबा रूट फाइनल किया जा चुका है। नई लाइन के निर्माण से यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी। साथ ही, रेलमार्ग पर यात्रा का समय घटेगा और इंजन बदलने में लगने वाली देरी भी दूर होगी। 

वाराणसी से आजमगढ़ तक रेल यात्रियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे के बीच खुरहट-पिपरीडीह के बीच 15 किमी की एक रेल लाइन बनाने की अनुमति दी है। वाराणसी से आजमगढ़ की दूरी दो से ढाई घंटे में पूरी होगी। इस नई लाइन के बन जाने से वाराणसी-आजमगढ़ का सफर काफी आसान और तेज हो जाएगा। मऊ बाईपास योजना के अंतर्गत मऊ जंक्शन से पूर्व पिपरीडीह और खुरहट स्टेशन के बीच एक नई रेल लाइन बनाई जाएगी. इससे इंजन बदलने का समय कम होगा और दूरी भी पहले से काफी कम हो जाएगी।

रेल लाइन बनाने का प्रस्ताव

रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे को खुरहट-पिपरीडीह (मऊ बाईपास) के बीच 15 किमी. लंबी रेल लाइन बनाने का प्रस्ताव दिया है। परियोजना की जमीन पर उतरते ही वाराणसी से आजमगढ़ का सफर काफी आसान हो जाएगा। अभी तक वाराणसी से आजमगढ़ पहुंचने में चार घंटे तक लगते हैं, जबकि रोडवेज बसें तीन घंटे में पहुंचा देती हैं। लेकिन नई लाइन बनने के बाद पैसेंजर ट्रेनें सिर्फ दो घंटे और एक्सप्रेस ट्रेनें ढाई घंटे में वाराणसी से आजमगढ़ पहुंचेंगी। रेलवे बोर्ड ने फाइनल सर्वे के लिए 30 लाख रुपये का बजट जारी किया है ताकि ट्रेनों को रफ्तार देने वाली परियोजना में कोई बाधा उत्पन्न न हो।

परियोजना की खास बातें

नई लाइन के निर्माण से करीब 9 किमी की दूरी कम होगी।

ट्रेन को मऊ में इंजन बदलने की जरूरत नहीं होगी, जिससे लगभग 1 घंटे की बचत होगी।

रेलवे बोर्ड ने इस परियोजना के फाइनल सर्वे के लिए 30 लाख रुपये का बजट जारी किया है।

यात्री अक्सर बस का विकल्प चुनते हैं

आजमगढ़ रेलवे स्टेशन वाराणसी से 136 किमी दूर है। वाराणसी-आजमगढ़ रेलमार्ग फिलहाल यात्रियों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता, क्योंकि इंजन बदलने और लंबा रास्ता तय करने के कारण ट्रेनें देरी से पहुंचती हैं। इसके चलते यात्री अक्सर बस का विकल्प चुनते हैं। लेकिन इस नई रेल लाइन से न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि रेलयात्रा रोडवेज से भी अधिक सुविधाजनक हो जाएगी।

ट्रेन बिना इंजन बदले पिपरीडीह, खुरहट स्टेशन से आजमगढ़ पहुंच जाएगी

वाराणसी से शुरू होने वाली ट्रेन औड़िहार जंक्शन, मऊ, खुरहट, मोहम्मदाबाद से होकर आजमगढ़ पहुंचती है। यह रेलमार्ग एक बड़ी चुनौती है क्योंकि ट्रेन मऊ से यू-टर्न होकर आजमगढ़ पहुंचने के लिए इंजन बदलना पड़ता है। मऊ बाईपास योजना में खुरहट स्टेशन से पूर्व 11 किमी. और मऊ जंक्शन से पूर्व 15 किमी. लंबी रेलवे लाइन बनाई जानी है। इससे ट्रेन बिना इंजन बदले पिपरीडीह, खुरहट स्टेशन से आजमगढ़ पहुंच जाएगी। परियोजना की दूरी कम होने से इंजन बदलने में लगने वाला समय कम होगा, जिससे कार्यक्षमता में एक घंटे की कमी होगी।

यात्रियों समय की बर्बादी से परेशान

वाराणसी-आजमगढ़ रेलमार्ग पर सफर फिलहाल यात्रियों के लिए सुविधाजनक नहीं है। ट्रेन से यात्रा करने में लगभग चार घंटे का समय लगता है, जबकि रोडवेज बसें यह दूरी तीन घंटे में तय कर देती हैं। हालांकि ट्रेन का किराया काफी कम है। एक्सप्रेस ट्रेन मात्र 65 रुपये और पैसेंजर ट्रेन 35 रुपये है। लेकिन फिर भी यात्रियों को समय की बर्बादी परेशान करती है। यही वजह है कि लोग अक्सर बस का विकल्प चुनने को मजबूर हो जाते हैं। रेलवे बोर्ड की मऊ बाईपास योजना से उम्मीद है कि जल्द ही यह स्थिति बदलेगी और वाराणसी-आजमगढ़ का रेल सफर तेज और सुविधाजनक हो सकेगा।