बिहार में बनाया जाएगा 189 किमी. लंबा 6 लेन एक्सप्रेसवे, 7 जिलों और 19 शहरों का सफर होगा आसान
Bihar Expressway Project Update : बिहार की जनता के लिए खुशखबरी सामने आई है। राज्य की जनता को सबसे पहले एक्सप्रेस वे मिलने जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के सात जिलों से होकर गुजरेगा और 19 शहरों को आपस में जोड़ेगा। इस परियोजना पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर 189 किलोमीटर लंबे 6 लेन हाईवे का निर्माण करेगी।

First expressway in Bihar : बिहार में आधुनिक परिवहन प्रणाली को साकार करने के लिए आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे एक महत्वपूर्ण परियोजना है। यह एक्सप्रेसवे राज्य का पहला ऐसा मार्ग होगा जो छह लेन वाला सुपर हाईटेक एक्सेस-कंट्रोल्ड रोड होगा। इससे यात्रा न केवल तेज और सुगम होगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की संभावना भी कम हो जाएगी।
भारतमाला परियोजना के तहत निर्माण
यह एक्सप्रेसवे कुल 189 किलोमीटर लंबा होगा और गया जिले के आमस से शुरू होकर दरभंगा के नवादा गांव तक जाएगा। यह मार्ग उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने का काम करेगा, जिससे राज्य के अंदरूनी हिस्सों में बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के तहत किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य देशभर में हाई-स्पीड और मजबूत सड़क नेटवर्क तैयार करना है। 2017 में शुरू की गई इस योजना ने भारत में सड़क परिवहन को एक नई दिशा दी है।
तेज और सुरक्षित यात्रा
यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से एक्सेस-कंट्रोल्ड होगा, जिसका अर्थ है कि प्रवेश और निकास केवल निर्दिष्ट स्थानों से ही संभव होगा। यह डिजाइन दुर्घटनाओं को कम करेगा और यातायात को सुगम बनाएगा। साथ ही, इस मार्ग पर बिना रुकावट के वाहन तेजी से दौड़ सकेंगे।गया जिले में एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) को भूमि अधिग्रहण के बाद जमीन का कब्जा दिलाया जा चुका है। डीएम डॉ। त्याग राजन के आदेश पर इस कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। टिकारी क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण और निरीक्षण का कार्य पूरा हो चुका है।
सात जिलों और 19 शहरों को जोड़ेगा
यह एक्सप्रेसवे बिहार के सात जिलों और 19 प्रमुख शहरों को आपस में जोड़ेगा। इनमें आमस, रामनगर, गुरारू, पंचानपुर, बेला, बहुआरा, शाहपुर बघौनी (ताजपुर), शिव नंदनपुर (बूढ़ी गंडक) और दरभंगा जैसे शहर शामिल हैं। इससे इन क्षेत्रों के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिलेगी।
बिहार के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार
आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है और इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। गया जिले में 55 किलोमीटर लंबे मार्ग में से 40 किलोमीटर पर निर्माण कार्य प्रगति पर है, जबकि 15 किलोमीटर में जमीन विवाद का समाधान किया जा रहा है।
यह एक्सप्रेसवे न केवल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच दूरी को कम करेगा, बल्कि ट्रांसपोर्ट सिस्टम को भी आधुनिक बनाएगा। इससे राज्य में व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को तेजी से यात्रा करने का विकल्प मिलेगा।
पड़ोसी राज्यों से प्रेरणा
जहां उत्तर प्रदेश में कई एक्सप्रेसवे पहले ही बन चुके हैं, बिहार इस परियोजना के साथ उन राज्यों की बराबरी करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। यह परियोजना राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।
भारतमाला परियोजना की भूमिका
भारतमाला परियोजना के तहत केंद्र सरकार ने देशभर में बेहतर रोड कनेक्टिविटी के लिए हाईवे और इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने का लक्ष्य रखा है। आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे इस योजना का हिस्सा है और बिहार के विकास में इसका महत्वपूर्ण योगदान होगा।