UP में 215 किमी रेल लाइन का होगा दोहरीकरण, 50 किमी बिछेगी नई रेलवे लाइन
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर योगी सरकार खास ध्यान रख रही है। रेलवे का विकास राज्य की आर्थिक नीति में एवं योगदान निभाता है। उत्तर प्रदेश में 215 किलोमीटर लंबी रेलवे मार्ग का दोहरीकरण किया जाना है।

UP News: उत्तर प्रदेश में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए योगी सरकार लगातार नए कदम उठा रही है। राज्य सरकार और रेलवे मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से 215 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का दोहरीकरण किया जाएगा।
पूर्वोत्तर रेलवे को अच्छी खबर मिली है। रेलवे बोर्ड ने गोरखपुर-नकहाजंगल-आनंदनगर-बढ़नी-गोंडा रेलमार्ग की दोहरीकरण की अनुमति दी है। इस 215 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग को दोहरीकरण करने से यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी और ट्रेनों की आवाजाही आसानी से होगी। डीपीआर पर बोर्ड की मुहर लगते ही दोहरीकरण का काम शुरू हो जाएगा। नई 50 किमी आनंदनगर-घुघली रेल लाइन का भी निर्माण शुरू हो गया है।
फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS)
रेलवे बोर्ड ने गोरखपुर-नकहाजंगल-आनंदनगर-बढ़नी-गोंडा के 215 किमी लंबे रेलवे मार्ग को दोहरीकरण करने की अनुमति दी है। डबल लाइन के लिए बोर्ड ने नकहाजंगल-गोंडा और मथुरा-कासगंज 105 किमी रेलमार्ग पर अंतिम लोकेशन सर्वे को भी मंजूरी दी है। फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) के लिए भी बोर्ड ने 4.30 करोड़ रुपये (नकहाजंगल-गोंडा के लिए और मथुरा-कासगंज के लिए 2.10 करोड़ रुपये) का बजट निर्धारित किया है। सर्वे के बाद रेलवे प्रशासन ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाना भी शुरू कर दिया है। डीपीआर पर बोर्ड की मुहर लगते ही दोहरीकरण का काम शुरू हो जाएगा।
नकहाजंगल-आनंदनगर-बढ़नी-गोंडा बाइपास रेलमार्ग का दोहरीकरण होने के बाद आवश्यकतानुसार अधिक ट्रेनें चलाई जा सकेगी। सीतापुर-गोंडा और लखनऊ-गोंडा ट्रेनें आनंदनगर-घुघली होते हुए नरकटियागंज रेलवे स्टेशन पर सीधे पहुंच जाएंगी। उन्हें गोरखपुर जंक्शन जाना नहीं होगा। नई 50 किमी आनंदनगर-घुघली रेल लाइन का भी निर्माण शुरू हो गया है।
दो लाइनों का निर्माण अंतिम चरण में
गोरखपुर-नरकटियागंज रेलमार्ग भी तेजी से दोहरी हो रहा है। ऐसे में पूर्वोत्तर रेलवे को बाइपास रेल लाइन का विकल्प मिलेगा। मुख्य रेलमार्ग गोरखपुर-बस्ती-गोंडा-लखनऊ पर ट्रेनों का दबाव भी कम होगा। हालाँकि, गोरखपुर-नकहाजंगल रेलमार्ग पर दो लाइनों का निर्माण अंतिम चरण में है। गोरखपुर-आनंदनगर-गोंडा एकल लाइन को विद्युत दिया गया है। वर्तमान में इस मार्ग पर कई ट्रेनें चल रही हैं।
गोरखपुर कैंट से नरकटियागंज तक लगभग 100 किमी की रेलवे लाइन के अलावा भटनी से औड़िहार तक 116 किमी की रेलवे लाइन भी दोहरीकृत की जा रही है। अप्रैल तक भटनी से औड़िहार मार्ग का दोहरीकरण पूरा हो जाएगा। बाद में गोरखपुर-भटनी से बनारस और प्रयागराज तक दो लाइनों की ट्रेनें चलेगी। बनारस से प्रयागराज तक पहले ही दोहरी लाइन बिछ चुकी है।
झूसी से प्रयागराज तक भी ट्रेनें चलने लगी हैं। बाराबंकी-गोंडा-गोरखपुर-छपरा मुख्य रेलमार्ग की डबल लाइन, जो 425 किमी की दूरी पर है, पहले से ही ट्रेनों से भरा हुआ है। भविष्य में पूर्वोत्तर रेलवे के सभी मार्गों पर दोहरी लाइनें बनाई जाएंगी। पूर्वोत्तर रेलवे ट्रैक क्षमता बढ़ने से ट्रेनों का समय पालन भी बेहतर होगा। सभी रेलमार्गों पर आवश्यकतानुसार अधिक ट्रेनें चलाई जा सकती हैं।