UP में एमपी तक 2653 करोड़ से बनेगा 223 किलोमीटर लंबा फोरलेन हाईवे
UP News : उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश तक आने वाले दिनों में यातायात कनेक्टिविटी और ज्यादा आसान होने वाली है। उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों से लेकर एमपी के बड़े शहरों के बीच एक नया फोरलेन बन रहा है इस फोरलेन के बनने के बाद दोनों राज्यों के बीच आवागमन और ज्यादा आसान हो जाएगा।

MP News : नया फोरलेन हाईवे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी को और मजबूत करने वाला है। बुंदेलखंड के सागर को यूपी और एमपी के बड़े शहरों से जोड़ने के लिए रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर खास ध्यान दिया जा रहा है। रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में, बुंदेलखंड का सागर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बड़े शहरों को एकत्र करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता नजर आता है। वास्तव में, सागर-कबरई फोरलेन का निर्माण तेजी से चल रहा है। सागर कबरई 4 फोरलेन बनते ही भोपाल-लखनऊ इकॉनामिक जोन बन जाएगा, जो भोपाल, इंदौर और कानपुर से सीधी कनेक्टिविटी पाएगा। बुंदेलखंड एमपी यूपी को जोड़ देगा। अगर सरकार इन प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करती है, तो सागर एक बड़ा लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट हब बन सकता है।
योजना पूरी होने पर मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल और उत्तर प्रदेश के कानपुर और लखनऊ से सीधे कनेक्ट हो जाएगा। सागर कबरई फोरलेन, जो 2023 में शुरू हुआ था, 2026 में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन योजना के तीसरे और चौथे फेज के टेंडर में देरी के कारण इसे एक साल देर हो सकती है। खास बात यह है कि ये टेंडर प्रक्रिया हाल ही में पूरी हो गई हैं और फोरलेन का काम जल्द ही और तेजी से शुरू होगा।
सागर-कबरई फोरलेन में हटी रुकावट
कबरई-सागर फोरलेन के फेज 3 और 4 के टेंडर पूरे होने के बाद, लगता है कि कानपुर सागर फोरलेन पर जल्द ही वाहनों का फर्राटा दौड़ लगाना शुरू हो जाएगा। तीसरे चरण में छतरपुर की सीमा साठिया घाटी से चौका गांव तक और चौथे चरण में चौका गांव से कैमाहा बैरियर तक 98 किमी का फोरलेन बनाया जाएगा। एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर और बेलजी कंपनी ने एनएचआई छतरपुर में तीसरे चरण का टेंडर हासिल किया है।
MP और उत्तर प्रदेश सागर कबरई फोरलेन से जुड़ेंगे
जैसे, सागर कानपुर हाइवे को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन NHAI की टेंडर प्रक्रिया में कुछ देरी की वजह से निर्माण कार्य में देरी हुई है. अब तीसरे और चौथे फेज की फोरलेन बनने की उम्मीद है।
223 किमी फोरलेन का खर्च 2,653 करोड़ रुपये है
सागर से कबरई तक 223.7 किमी लंबा फोरलेन उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के औद्योगिक शहरों को जोड़ने का काम करेगा। ये फोरलेन सागर से शुरू होकर बंडा, शाहगढ, बड़ामलहरा, छतरपुर, गढ़ी मलहरा, श्रीनगर और महोबा होते हैं। भविष्य में लखनऊ से जुड़ने वाली इस फोरलेन की लागत 2653 करोड़ रुपए होगी। भोपाल-लखनऊ इकॉनामिक कॉरीडोर होगा।
सागर कबरई फोरलेन की स्थापना
खास बात यह है कि इस फोरलेन का डिजाइन ऐसा था कि भविष्य में इसे आसानी से सिक्सलेन में बदल दिया जा सकता था। मौजूदा प्रगति से अनुमान लगाया जा सकता है कि ये परियोजनाएं 2027 तक पूरी हो जाएंगी।
कहाँ काम चल रहा है?
जब हम सागर कबरई फोरलेन की बात करते हैं, तो पहले चरण में एनएचएआई सागर यूनिट सागर से मोहारी तक 50 किमी की सड़क बना रही है। जहां सागर से दलपतपुर का काम लगभग पूरा हो चुका है और अभी भी अंतिम चरण में है चार चरणों में बाकी काम पूरा किया जा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने दूसरे चरण में मोहारी से सोनिया घाटी (हीरापुर) तक 39 किलोमीटर का काम जीत लिया है, जिसकी लागत 351 करोड़ है।
2653 करोड़ रुपये की लागत से फोरलेन का निर्माण
अब तीसरे और चौथे चरणों के टेंडर होने से काम में गति आएगी। बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर कैमाहा बैरियर से महोबा होते हुए कबरई तक 45 किलोमीटर लंबी फोरलेन बना रही है, जो प्रोजेक्ट के पांचवें फेज में है।
NHAI क्या कहता है?
NHAI छतरपुर यूनिट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर देवेंद्र चापेकर ने कहा, "कुछ कारणवश तीसरे और चौथे फेज की टेंडर प्रक्रिया अटक गयी थी, लेकिन अब टेंडर पूरे होने जाने के कारण सागर कबरई मार्ग का काम तेजी से पूरा होने की उम्मीद है।" भारतमाता श्रृंखला द्वारा निर्मित ये फोरलेन बुंदेलखंड को भोपाल, इंदौर, लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे।