UP में पांच जिलों से गुजरेगी 240 KM लंबी रेल लाइन, जमीन अधिग्रहण हुआ पूरा
UP News: रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। आने वाले वर्षों में यह रेल लाइन क्षेत्र की यातायात व्यवस्था, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा दे सकती है।
Uttar Pradesh News: केंद्र सरकार ने तराई क्षेत्र के लोगों को बड़ी बुनियादी सौगात दी है। खलीलाबाद से बहराइच तक प्रस्तावित 240 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन परियोजना अब निर्माण के चरण में पहुंच गई है। इस रेल मार्ग के पूरा होने से न केवल संतकबीरनगर और बहराइच सीधे रेल नेटवर्क से जुड़ेंगे, बल्कि लंबे समय से रेल सुविधा से वंचित श्रावस्ती जिले का सपना भी साकार होगा। परियोजना से तराई के कम से कम पांच जिलों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। आने वाले वर्षों में यह रेल लाइन क्षेत्र की यातायात व्यवस्था, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा दे सकती है।
खलीलाबाद से बहराइच तक सीधी रेल कनेक्टिविटी
नई रेल लाइन के निर्माण के बाद संतकबीरनगर के खलीलाबाद से बहराइच तक सीधी रेल सेवा उपलब्ध होगी। इससे बहराइच मंडल के अन्य जिलों के यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी। वर्तमान में इस क्षेत्र के लोगों को लंबी दूरी की यात्रा के लिए सीमित विकल्पों पर निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन नई लाइन के चालू होने के बाद रेल यात्रा अधिक सुलभ और समय की बचत करने वाली होगी। रेलवे प्रशासन का मानना है कि यह परियोजना तराई क्षेत्र के लिए एक रणनीतिक कड़ी साबित होगी, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश को बड़े रेल रूट्स से जोड़ेगी।
श्रावस्ती को पहली बार मिलेगा रेल संपर्क
इस परियोजना का सबसे बड़ा लाभ श्रावस्ती जिले को मिलेगा। वर्ष 1997 में बहराइच से अलग होकर बने श्रावस्ती को अब तक रेल नेटवर्क से नहीं जोड़ा जा सका था। जबकि यह जिला बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में देश और विदेश के पर्यटकों के बीच विशेष पहचान रखता है।
वर्तमान स्थिति में विदेशी और देशी पर्यटक दिल्ली, मुंबई या अन्य महानगरों से हवाई मार्ग द्वारा लखनऊ पहुंचते हैं और वहां से सड़क मार्ग से श्रावस्ती की यात्रा करते हैं। रेल लाइन के अभाव में यात्रा समय और लागत दोनों बढ़ जाती है। नई रेल लाइन बनने के बाद श्रावस्ती तक सीधी या आसान रेल पहुंच संभव हो सकेगी, जिससे पर्यटन गतिविधियों में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
जनप्रतिनिधियों की मांग लाई रंग
श्रावस्ती को रेल नेटवर्क से जोड़ने की मांग पिछले कई वर्षों से की जा रही थी। जिले के जनप्रतिनिधियों ने करीब चार वर्ष पहले रेल मंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मांग को औपचारिक रूप से रखा था। इसके बाद केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई और खलीलाबाद–बहराइच रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दी। सरकार के निर्णय के तहत श्रावस्ती को इस नई लाइन से जोड़ा गया और बहराइच को एक महत्वपूर्ण रेल हब के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई।
बहराइच बनेगा नया रेल हब
नई रेल लाइन के चालू होने के बाद बहराइच एक प्रमुख रेल जंक्शन और हब के रूप में उभरेगा। यहां से गुजरने वाली ट्रेनें श्रावस्ती सहित आसपास के इलाकों को जोड़ेंगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे वे सीधे महानगरों तक रेल यात्रा कर सकेंगे, जिससे रोजगार, शिक्षा और इलाज के लिए यात्रा आसान हो जाएगी।
निर्माण कार्य को मिली गति
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, जमीन का सर्वे और अधिग्रहण कार्य पूरा कर लिया गया है। अब निर्माण कार्य को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है। पूर्व में रेल मंत्री द्वारा खलीलाबाद से बहराइच वाया बांसी और श्रावस्ती रेल लाइन को हरी झंडी दी जा चुकी थी, जिसके बाद परियोजना औपचारिक रूप से शुरू हुई।
क्षेत्रीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस रेल परियोजना से केवल यात्री सुविधाएं ही नहीं बढ़ेंगी, बल्कि स्थानीय व्यापार, पर्यटन और रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा। तराई क्षेत्र के लोगों में इसे लेकर उत्साह देखा जा रहा है और उन्हें उम्मीद है कि यह रेल लाइन उनके क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी।
