UP से बिहार तक 256 किलोमीटर की रेल लाइन बनेगी डबल पटरी, 5 वर्षों में बनकर होगी तैयार
Doubling Of Railway Line From Ayodhya To Stamarhi : देश के दो राज्यों उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच 256 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का दोहरीकरण किया जाएगा। रेल परियोजना के लिए कैबिनेट बैठक में फैसला ले लिया गया है। जिसके तहत केंद्र सरकार द्वारा बिहार और उत्तर प्रदेश की जनता के लिए इस रेल लाइन का दोहरी कारण काफी सराहनीय काम है।
Bihar Railway Line Doubling : बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच 256 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन को डबल पटरी किया जाएगा। इसके लिए केंद्र की कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई है। केंद्र सरकार द्वारा 4553 करोड रुपए खर्च कर अयोध्या और सीतामढ़ी के बीच इस रेल लाइन को डबल पटरी किया जाएगा। इसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। इस रेल लाइन का दोहरीकरण हो जाने के बाद यात्रियों को यात्रा करने में और माल ढुलाई में काफी आसानी होगी। अब किसी भी तरह का सामान एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचने में किसी भी तरह की देरी नहीं होगी।
सीएम नीतीश कुमार ने जताया आभार
जानकारी के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि मैंने माननीय प्रधानमंत्री जी से माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी हेतु रेल संपर्कता के संबंध में मांग की थी। जिसे केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई है। इसके लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद करता हूं। इस रेल लाइन का निर्माण हो जाने के बाद श्रद्धालुओं को भगवान श्री रामचंद्र जी के दर्शन और माता सीता के दर्शन करने में काफी आसानी होगी। केंद्र सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है।
5 साल में पूरी होगी परियोजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बिहार के लिए रेल मंत्रालय की 4553 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत वाली परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के तहत नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड का दोहरीकरण किया जायेगा, जो 256 किलोमीटर लंबा है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के अनुसार इस परियोजना को पांच वर्षों में पूरी करने का निर्देश जारी किया गया है।
नेपाल सहित इन सीमावर्ती इलाकों का परिवहन संपर्क होगा बेहतर
इस संबंध में बताया गया है कि नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड के दोहरीकरण से नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों से परिवहन-संपर्क मजबूत होगा और मालगाड़ियों के साथ-साथ यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही में सुविधा होगी। इसके परिणामस्वरूप, क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास होगा। मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना दो आकांक्षी जिलों (सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर) में परिवहन-संपर्क सुविधा बढ़ाएगी, जिससे लगभग 388 गांवों और लगभग 9 लाख आबादी को सेवा प्राप्त होगी।