बिहार में बिछेगा 258 KM लंबा रेलवे ट्रैक, जमीन अधिग्रहण जल्द होगी तैयारी, यात्री सुविधा बढ़ेगी
Bihar News: बिहार में रेलवे में इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से मजबूत किया जा रहा है। पिछले कुछ सालों में प्रदेश को कई नई रेलवे लाइन की सौगात मिली है। बिहार के इस जिले में अब 258 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाने को लेकर डीपीआर रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है।

The Chopal : बिहार में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। राज्य में नई रेलवे लाइनों के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रेलवे बोर्ड को बड़हरवा से भागलपुर तक बनने वाली तीसरी और चौथी नई रेलवे लाइन का डीपीआर प्रस्तुत किया गया है। रेलवे बोर्ड से डीपीआर की जल्द ही मंजूरी की उम्मीद पर रेलवे लाइन बिछाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। भू-अर्जन कार्य जारी है। इस रेलवे लाइन की स्थापना से ट्रेनों और यात्री सुविधाओं की संख्या बढ़ेगी।
रेलवे बोर्ड को 4879.63 करोड़ रुपये की लागत से बड़हरवा से भागलपुर तक तीसरी और चौथी नई रेलवे लाइन का डीपीआर प्रस्तुत किया गया है। रेलवे बोर्ड से डीपीआर की जल्द ही मंजूरी की उम्मीद पर रेलवे लाइन बिछाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। भू-अर्जन कार्य जारी है। DPGR को बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। भू-अर्जन में लगभग सौ करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। 129-129 किलोमीटर, यानी 258 किलोमीटर की रेलवे लाइन बनाई जाएगी। तीसरी और चौथी रेलवे लाइनों की स्थापना के बाद इस मार्ग में चार रेलवे लाइनें हो जाएंगी। इससे पटरियों पर दबाव कम होगा और ट्रेनो चलाना आसान होगा।
यात्रियों को सुविधा मिलेगी
इससे इस मार्ग पर ट्रेनों की संख्या बढ़ सकती है। यात्रियों को फायदा होगा। दैनिक रूप से 40 से 50 मालगाड़ियां इस मार्ग पर चलती हैं। जो दबाव बढ़ाता है। नई रेलवे लाइन को दो और पटरियों के बिछाने से मालगाड़ियों को चलाने की योजना है। रेलवे लाइन बिछाने का काम अगस्त-सितंबर में शुरू करने की कोशिश की जा रही है।
तीसरी और चौथी रेलवे लाइन बनने से पैसेंजर, एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी। वहीं, हावड़ा और उत्तरी ईस्ट के अन्य स्थानों के लिए भी नई ट्रेनें बनाई जा सकती हैं। तीसरी लाइन का लक्ष्य मालगाड़ियों को इस खंड से अलग ट्रैक से चलाने देना है। जिससे रेलवे के समय में बचत होगी। अभी सवारी और मालगाड़ी दोनों एक ही ट्रैक से चलते हैं। रेलवे को अधिक लोड होने पर ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। रेलवे को भी नए ट्रैक पर होने वाले खर्च की भरपाई करनी होगी।
गोड्डा-पीरपैंती रेलवे लाइन का निर्माण
वहीं, गोड्डा-पीरपैंती नई रेलवे लाइन योजना के अंतर्गत महगामा से पीरपैंती के बीच बनने वाली रेलवे लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है। पहले चरण में गोड्डा से महगामा और मेहरमा पीरपैंती के बीच एक रेलवे लाइन बनाई जाएगी। भू-प्राप्ति की प्रक्रिया अभी भी जारी है। गोड्डा से महगामा तक 26 किमी, महगामा से 21 किमी और मेहरमा से पीरपैंती तक 10 किमी रेलवे लाइन बनाई जाएगी। भू-प्राप्ति पर 282 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जिसमें पीरपैंती से मेहरमा तक पांच मझरोही मझरोही, परसबन्ना, फरीदपुर, रिफातपुर और प्यालापुर में जमीन दी जाएगी। जिसमें रैयतों को 42 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी।
टेंडर कब शुरू होगा?
60 प्रतिशत भू-अर्जन कार्य समाप्त हो गया है। 90 प्रतिशत पूरा होने के बाद टेंडर होगा। सितंबर तक काम शुरू करने का लक्ष्य है। इस रेलवे लाइन की स्थापना से तीसरा रूट बनाया जाएगा। ट्रेनों को इस रूट पर बाढ़, दुर्घटना या अन्य आकस्मिक हालात में बदलकर चलाया जा सकता है। विपरीत परिस्थितियों में इससे ट्रेनों का संचालन प्रभावित नहीं होगा।
दूसरी ओर, गोड्डा-पीरपैंती रेलवे लाइन और बड़हरवा-भागलपुर तीसरी व चौथी रेलवे लाइनें बनने से ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी। रेलवे लाइनों का जाल बिछने से यात्री सुविधाएं बढ़ जाएंगी। उधर, भागलपुर-दुमका रेलखंड को 117 किलोमीटर की एकमात्र रेलवे लाइन दोहरीकरण करना है। भू-अर्जन कार्य दोहरीकरण के लिए चल रहा है। 90 प्रतिशत जमीन मिलने पर टेंडर होगा। तीसरी रेल लाइन जमालपुर से भागलपुर के बीच बनाई जाएगी। इस रेलवे लाइन को स्वीकृति मिल गई है। 53 किलोमीटर की रेलवे लाइन बिछाने में 1050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत होने का अनुमान है।