राजस्थान में बनेगा 290 किमी का एक्सप्रेसवे, बॉर्डर तक बढ़ेगी जिलों की पहुंच, बिजनेस भी बूस्ट होगा

Rajasthan News : राजस्थान के लोगों को प्रदेश सरकार और केंद्रीय सरकार की तरफ से कई बड़ी-बड़ी सौगातें दी गई है। जिनमें से कुछ परियोजना ऐसी है, जिनके बनने से प्रदेश के लोगों को व्यापार और सफर में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। इन एक्सप्रेसवे के निर्माण से राज्य के आर्थिक विकास को नई उड़ान मिलेगी। जिसको लेकर राज्य सरकार द्वारा इन बड़े प्रोजेक्ट पर लगातार तेज गति से काम किया जा रहा है। इन परियोजनाओं के मुताबिक प्रदेश में 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की सौगात लोगों को दी गई है।
राजस्थान में इन 9 एक्सप्रेसवे से बनने से प्रदेश के लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और लगभग सभी राज्यों के साथ सीधी कनेक्टिविटी होगी। इन 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की योजना में शामिल एक ऐसा एक्सप्रेसवे है जोकि राज्य के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के साथ लगता है। इसलिए इसे अंतरराष्ट्रीय तौर पर भी बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे को गंगानगर-कोटपुतली एक्सप्रेसवे का नाम दिया गया है, जोकि 290 किलोमीटर लंबा होने वाला है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से देश के बॉर्डर इलाके पर विकास होगा और इससे बॉर्डर के पर दूसरे लोगों को भी सुविधा मिल पाएंगी।
नौ शहरों से होकर गुजरेगा, एक्सप्रेसवे
गंगानगर से कोटपूतली एक्सप्रेसवे श्रीगंगानगर जिले के साथ लगने वाले इलाकों में व्यापार बढ़ेगा। श्रीगंगानगर जिला राजस्थान और पंजाब के बॉर्डर पर स्थित होने कि वजह से यहां पंजाबी कल्चर ज्यादातर देखने को मिलता है। श्री गंगानगर से कोटपूतली तक एक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा, जो श्री गंगानगर में रीको इंडस्ट्रियल एरिया बायपास से शुरू होकर कोटपूतली के मंडलाना तक चलेगा। मंडलाना-नारनौल बायपास से जोड़ा जाएगा। यह एक्सप्रेसवे 9 शहरों से गुजरेगा। यह एक्सप्रेसवे श्री गंगानगर से शुरू होकर रावतसर, नोहर, भादरा, सादुलपुर, पिलानी, सूरजगढ़, भुआना, नरनौल और कोटपूतली को जोड़ने का काम करेगा। एक्सप्रेसवे बनाने को लेकर बहुत जल्द डीपीआर तैयार की जाएगी।
दोनों शहरों के बीच लगेगा, तीन घंटे का समय
अभी कोटपूतली तक जाने के लिए 350 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इस मार्ग पर शहरों से गुजरने पर 6.08 घंटे का समय लगता हैं। गंगानगर से कोटपूतली एक्सप्रेसवे को शहरों के बीचों बीच निकाला जाएगा। जिससे वाहन चालकों को भीड़-भाड़ या जाम के इलाकों से गुजरना नहीं पड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे बनने के बाद दोनों शहरों के बीच सफर करने में सिर्फ तीन घंटे का समय लगेगा।
इस एक्सप्रेसवे से मिलने वाले लाभ
राज्य सरकार इस एक्सप्रेसवे को 6 लेन बनाएगी, जिसके ऊपर 50 किलोमीटर से पहले कोई भी कट नहीं दिया जाएगा। इससे वाहनों की रफ्तार निरंतर बनी रहेगी और यात्रा करना और भी आसान होगा। इसकी स्पीड लिमिट 80 से 140 km/h की रफ्तार तय की जाएगी। यह सड़क दो से 2.5 मीटर ऊंची होगी और दोनों ओर ऊंची फेंस से ढकी हुई होगी. इससे कोई जानवर इस सड़क पर नहीं आ सकेगा और दुर्घटना की आशंका कम होगी।