गुरुग्राम और सोहना के बीच 3 सड़कों का होगा चौड़ीकरण, गांवों और कई अन्य इलाकों को मिलेगा फायदा
Gurugram Latest News : हरियाणा में गुरुग्राम और सोहना के बीच तीन सड़कों का चौड़ीकरण करने की योजना बनाई जा रही है। इस परियोजना के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वन विभाग की तरफ से मंजूरी मिलते ही जल्द ही कार्य प्रणाली शुरू कर दी जाएगी।

Gurugram News : लोक निर्माण विभाग ने गुरुग्राम- सोहना हाईवे से जुड़ने वाली तीन सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने की योजना तैयार की है। इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए जा चुके हैं, लेकिन आवंटन से पहले वन विभाग की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। मंजूरी मिलने के बाद 9 महीनों के भीतर सड़कों के निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इस परियोजना पर कुल अनुमानित खर्च करीब 33.5 करोड़ रुपये आएगा।
भौंडसी जेल रोड
भौंडसी जेल रोड की वर्तमान चौड़ाई 5.5 मीटर है और इसकी लंबाई लगभग 10 किलोमीटर है। इस क्षेत्र में मारुति कुंज, श्याम कुंज जैसी कई कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं, जहां हजारों परिवार रह रहे हैं। सड़क की संकरी चौड़ाई के कारण स्थानीय निवासियों को यातायात में परेशानी हो रही है। इस समस्या को हल करने के लिए सड़क को 7 मीटर चौड़ा करने की योजना बनाई गई है। बता दें कि सड़क के दोनों ओर वन क्षेत्र स्थित है, इसलिए पीडब्ल्यूडी बीएंडआर ने वन विभाग से भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, जिसपर अनुमानित लागत 13.34 करोड़ रुपये आएगी।
दमदमा रोड
दमदमा रोड की चौड़ाई बढ़ाने की योजना भी बनाई गई है। सोहना विकास योजना के तहत, 24 और 60 मीटर चौड़ी सड़कों का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है, इसलिए कई लाइसेंसी रिहायशी सोसाइटी और कॉलोनियों के निवासियों का आवागमन इसी सड़क के माध्यम से होता है। अरावली होम्स जैसी सोसाइटियों में लगभग 1500 परिवार रह रहे हैं, जिससे इस रोड पर सुबह और शाम भारी यातायात रहता है। इस सड़क की चौड़ाई को 7 मीटर तक बढ़ाया जाएगा और इसके निर्माण कार्य पर लगभग 13.62 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
हरचंदपुर- दौहला सड़क
गांव हरचंदपुर से गांव दौहला तक की सड़क की चौड़ाई भी 5.5 मीटर से बढ़ाकर 7 मीटर की जाएगी। इसपर 6.46 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है।
इन तीनों सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने के लिए वन क्षेत्र के बदले पीडब्ल्यूडी बीएंडआर ने वन विभाग को 34 एकड़ भूमि देने की योजना बनाई है। इसके लिए आसपास के गांवों की पंचायतों से बातचीत कर भूमि उपलब्ध करवाई जा रही है। अनुमान है कि अगले एक महीने के भीतर वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल जाएगा, जिसके बाद टेंडर आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।