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UP में बनेगा 320 किलोमीटर लंबा 6 लेन का एक्सप्रेसवे, 5 जिलों से निकलेगा हाईस्पीड रूट

योगी सरकार जुलाई से विंध्य एक्सप्रेसवे और विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू करने जा रही है। यह 320 किमी लंबा एक्सप्रेसवे प्रयागराज से सोनभद्र तक जाएगा, जिससे छत्तीसगढ़, झारखंड और बुंदेलखंड से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे धार्मिक पर्यटन, व्यापार और रोजगार को बड़ा फायदा होगा।
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UP में बनेगा 320 किलोमीटर लंबा 6 लेन का एक्सप्रेसवे, 5 जिलों से निकलेगा हाईस्पीड रूट

UP News: योगी सरकार जुलाई महीने से विंध्य एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू कराने जा रही है। इसके साथ ही एक और सड़क बनेगी, जिसका नाम होगा विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे। विंध्य एक्सप्रेसवे करीब 320 किलोमीटर लंबा होगा। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुंभ मेले के दौरान की थी। यह सड़क उत्तर प्रदेश के 5 जिलों से गुजरेगी।यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज से शुरू होकर मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुए सोनभद्र तक जाएगा। इस सड़क से झारखंड और छत्तीसगढ़ से भी सीधा जुड़ाव होगा। इसका निर्माण यूपीडा कराएगा।

विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे

विंध्य एक्सप्रेसवे के साथ एक और नई सड़क भी बनेगी, जो पूर्वांचल से सीधे जोड़ेगी। इसका नाम होगा विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे।

यह लिंक रोड करीब 100 किलोमीटर लंबी होगी।

यह चंदौली से शुरू होकर गाजीपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगी।

यह सड़क सिक्स लेन (छह लेन) की होगी।

इसके निर्माण पर लगभग 7000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

धार्मिक क्षेत्र से भी जुड़ाव

योगी सरकार प्रयागराज और वाराणसी के बीच धार्मिक क्षेत्र  विकसित कर रही है। इसमें प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर शामिल हैं। नीति आयोग इस धार्मिक ज़ोन में पर्यटन और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्लान बना रहा है। इससे इन इलाकों में रोजगार के मौके बढ़ेंगे।

विंध्याचल-वाराणसी आर्थिक ज़ोन को फायदा

इस एक्सप्रेसवे से वाराणसी और विंध्याचल के बीच आर्थिक विकास तेज़ होगा।यहाँ पर मेगा इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जाएंगे और पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
नीति आयोग चाहता है कि जब श्रद्धालु इस इलाके में आएं तो सभी ज़िलों का भ्रमण करें। इससे पूरे पूर्वांचल की अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी।

विंध्य एक्सप्रेसवे के फायदे

उत्तर प्रदेश की मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड से कनेक्टिविटी बेहतर होगी।

यात्रा का समय 3 से 5 घंटे तक कम हो जाएगा।

पूर्वांचल के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

बुंदेलखंड और पूर्वांचल के बीच सीधा संपर्क होगा।

धार्मिक पर्यटन और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

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