UP में 2027 तक बनकर तैयार होगा 4 रेल लाइन का रूट, 2 जिलों के बीच ट्रेनों को नही होगी देरी
UP News: उत्तर प्रदेश के इन जिलों के बीच रेलवे कनेक्टिविटी को और अधिक मजबूत करने के लिए एक बड़ी परियोजना पर कार्य चल रहा है। यह न केवल रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देगा बल्कि लखनऊ आने-जाने वाले यात्रियों के लिए यात्रा को सुविधाजनक और तेज़ बनाएगा।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती की दिशा में अब दो जिलों के बीच चार रेलवे लाइनों का संचालन जल्द ही शुरू होने वाला है. यह निर्माण कार्य लगभग 430 करोड रुपए की लागत से किया जाएगा. शीघ्र ही जिले से राजधानी लखनऊ की रेलवे यात्रा आसान और आसान हो जाएगी। इसके लिए 2027 तक बाराबंकी से मल्हौर (लखनऊ) तक चार रेलवे लाइनें बनाई जाएंगी। रेलवे की ओर से चल रहे इस परियोजना के तहत समतलीकरण का काम लगभग 70% पूरा हो चुका है। नालों, नदियों और नहरों पर भी पुल बन रहे हैं। मिट्टी की गुणवत्ता का भी अध्ययन किया जा रहा है।
अधिग्रहण हुआ पूरा
2017 के रेल बजट में बाराबंकी से मल्हौर तक लगभग 16.42 किमी की दूरी को चार पटरियों में बदलने की अनुमति दी गई। बाद में डीपीआर बनाया गया और जमीन चुनी गई और अधिग्रहण किया गया। पूरे निर्माण की लागत लगभग 430 करोड़ रुपये होगी। वर्तमान में इस मार्ग पर सिर्फ दो लाइनें हैं, इसलिए प्रतिदिन 150 से अधिक ट्रेनों का दबाव रहता है। इससे ट्रैक पर जाम होता रहता है।
इसलिए प्रतिदिन 25 से 30 ट्रेनों को घंटों बाहर खड़ा रहना भी पड़ता है। नई रेल लाइनों का निर्माण यह समस्या पूरी तरह से दूर करेगा। सफेदाबाद स्टेशन पर माल गोदाम, लूप लाइन और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम लगाने की योजना है। इससे स्टेशनों की क्षमता बढ़ेगी और ट्रेनों का संचालन सुरक्षित और समयबद्ध होगा।
चार लाइनों की परियोजना से परेशानी दूर होगी
लखनऊ-बाराबंकी मार्ग पर अप-डाउन ट्रेनों की संख्या निरंतर बढ़ रही है।
- यह मार्ग उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के बीच एक महत्वपूर्ण पुल है।
- ट्रेन संचालन की सुविधा के साथ-साथ मालगाड़ी संचालन भी तेज हो जाएगा।
- इससे यात्रियों का सफर आसान होगा और समय बचेगा।
- ट्रैक पर भारी वाहनों के कारण ट्रेनों की लेटलतीफी भी खत्म होगी।