400 शराब की दुकानों को नहीं मिले खरीददार, सरकार इस तरीके से बेचेगी ठेके

The Chopal, HImachal News : हिमाचल प्रदेश सरकार अब अकेले-अकेले उन शराब ठेकों को बेचेगी, जो अभी तक टेंडर में भाग नहीं लिया है। कोई भी उसके लिए अपनी निविदा दे सकता था। इससे उन शराब ठेकेदारों की एकता को तोड़ा जा सकता है जो पूलिंग करके शराब ठेकों की बिक्री करते हैं।
प्रदेश में ऐसे करीब चार सौ से अधिक शराब ठेके हैं जो अभी भी खरीददार नहीं पा रहे हैं। इसके लिए केवल पांच सौ हजार अर्नेस्ट मनी के साथ आवेदन किया जा सकता है। माना जा रहा है कि कई शराब ठेकों को लेने के लिए लोग सामने आ जाएंगे जो पहले इस बारे में सोच भी नहीं सकते थे। क्योंकि उसमें बड़े-बड़े शराब ठेकेदारों के साथ संघर्ष था और शराब का एक ठेका नहीं मिलता था, बल्कि पूरे संस्थान के लिए टेंडर किए जाते थे। राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने सोमवार और मंगलवार को पांच जिलों में एकमात्र शराब ठेके के लिए टेंडर निकाला है।
आज यानि 10 अप्रैल को सभी टेंडर खुलेंगे और नीलामी की जाएगी। बता दें कि यूनिट में पांच या इससे अधिक शराब ठेके एक साथ बेचने पर, शराब ठेकेदारों को बड़ी रकम देनी पड़ती है। कांगड़ा सबसे बड़ा जिला है जिसमें एकल शराब ठेके के लिए टेंडर होंगे; इसके बाद शिमला, कुल्लू, लाहुल स्पीति, पांगी एरिया, मंडी और बिलासपुर आते हैं। यहां पर कई शराब ठेके अभी भी काम नहीं कर रहे हैं।
लक्ष्य 2850 करोड़ रुपये
इस बार सरकार ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग को 2600 करोड़ रुपए के वार्षिक राजस्व की बजाय 2850 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया है। यह लक्ष्य पूरा होने पर राज्य सरकार को राहत मिलेगी।
इतने ठेके यहां नहीं बिके हैं।
शिमला जिले में 133 शराब ठेके अभी तक नहीं बेचे गए हैं, वहीं मंडी जिले में 134 शराब ठेके बेचे गए हैं। बिलासपुर में अभी तक 16 शराब ठेके हैं। कुल्लू और लाहुल स्पीति में सत्तर छह शराब ठेके हैं जिनमें कोई शराब नहीं बेची जाती है। कांगड़ा जिले में 102 शराब ठेके नहीं हैं।