राजस्थान में इन जिलों के बीच बनेगा 402 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे, बिज़नेस करेगा बूस्ट
Jalore-Jhalawar Green Field Expressway :राजस्थान सरकार लगातार सड़कों का जाल बिछा रही है। इन सड़कों के माध्यम से प्रदेश के लोगों को जाम से छुटकारा मिलने वाला है। भजनलाल सरकार द्वारा अपनी जनता लगातार एक से बढ़कर एक सौगात दी जा रही है। इसी बीच दो राज्यों को सीधा जोड़ने के लिए 402 किलोमीटर लबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस बनाने की परियोजना पर काम किया जा रहा है। इससे किसानों तथा व्यापारियों को काफी फायदा मिलेगा।
Jalore-Jhalawar Expressway : राजस्थान सरकार प्रदेश को आर्थिक स्थिति में मजबूत बनाने के लिए लगातार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। इसी कड़ी में पूरे प्रदेश में सड़कें तथा रेलवे लाइनों का जाल बिछाया जा रहा है। हिंदी में शामिल दक्षिण पूर्वी राजस्थान तथा पश्चिमी राजस्थान को सीधा जोड़ने के लिए सरकार ने खास प्लान तैयार किया है। इसके तहत भजनलाल सरकार जालौर झालावाड़ को आपस में जोड़ने के लिए 402 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण करने जा रही है।
इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बन जाने से मध्य प्रदेश भी सीधा राजस्थान से जुड़ जाएगा। क्योंकि झालावाड़ राजस्थान तथा मध्य प्रदेश का बॉर्डर इलाका है। झालावाड़ से सीधा मध्य प्रदेश के लिए एंट्री होती है। इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के मूर्त रूप लेने से दो अलग-अलग संस्कृति वाले राज्य एक दूसरे से सीधे जुड़ जाएंगे। इसके साथ ही यह भी तय है ये मार्ग एक ही राज्य के दो अलग-अलग संस्कृति वाले जिलों को आपस में नजदीक लाने के लिए अहम भूमिका निभाएगा। क्योंकि जालौर मारवाड़ का हिस्सा है, तथा झालावाड़ हाडोती का हिस्सा है।
इन जगह से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
सूत्रों के मुताबिक जालौर से झालावाड़ के बीच प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे जालौर से शुरू होकर सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़, बेगू, बिजोलिया, रावतभाटा, मोडक एक्सप्रेसवे तथा चेचक होते हुए झालावाड़ तक बनना संभावित हो सकता है। परंतु इसमें सबसे बड़ी बाधा वन विभाग हो सकता है। क्योंकि इस क्षेत्र का इलाका काफी वन विभाग के सुरक्षित में आता है। और वही दूसरे रास्ते से हाईवे निकाला जाता है, तो वह जालौर से सिरोही होते हुए उदयपुर, चित्तौड़गढ़, निंबाहेड़ा, और नीमच होते हुए झालावाड़ तक बनाया जा सकता है। लेकिन इसमें कुछ हिस्सा मध्य प्रदेश में आ जाता है। जबकि प्रोजेक्ट केवल राजस्थान का है।
किसानों को मिलेगा फायदा
उदयपुर तथा चित्तौड़ दोनों ही बड़े टूरिस्ट के अंदर है इस वजह से पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही दूसरा लाभ राजस्थान के लहसुन उत्पादन करने वाले किसानों को मिल सकता है। की राजस्थान से सटे मध्य प्रदेश के नीमच में लहसुन की बड़ी मंडी है। राजस्थान के हजारों किसान वहां अपना लहसुन बिक्री करने जाते हैं। इसलिए यह मार्ग पर्यटकों तथा किसानों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
लोगों के सपने साकार होने लगे हैं
सूत्रों के मुताबिक अभी यह क्या नहीं है कि एक्सप्रेसवे को कहां से निकल जाएगा। परंतु लोगों की उम्मीद प्रवान चढ़ने
लग गई है। झालावाड़ तथा कोटा के बीच स्थित रामगंज मंडी मसाला हब के नाम से जानी जाती है। रामगंज इलाका जीरे का बड़ा उत्पादन करता है। और जालौर भी उत्पादन में अच्छा स्थान रखता है। इसलिए इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से लगदी फसल वाले इलाके आपस में एक दूसरे से कनेक्ट हो होने जा रहे हैं। इस वजह से संभावनाओं के नए द्वार खुलते हैं।