राजस्थान में रेत से गुजर कर विभिन्न गावों और जिलों और शहरों को आपस में जोड़ेंगे 5 नए एक्सप्रेसवे
Rajasthan Greenfield Expressway : राजस्थान की भजनलाल सरकार ने प्रदेश की जनता को बड़ी सौगात दी है। इसके अंतर्गत प्रदेश में ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जाएगा। इन एक्सप्रेसवे के जरिए पूरे प्रदेश की यातायात व्यवस्था सुधारने वाली है। इन एक्सप्रेसवे का निर्माण हो जाने के बाद प्रदेश को काफी आर्थिक मदद मिलने वाली है। इनमे से 5 को जल्द ही बनाकर तैयार कर लिया जाएगा।
Rajasthan News : राजस्थान की भजन लाल सरकार प्रदेश की जनता को एक से बढ़कर एक सौगात दे रही है। जिसके तहत प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनाने का निर्णय लिया है। इनके लिए लोक निर्माण विभाग डीपीआर प्यार करने का काम कर रहा है। जानकारी के मुताबिक अधिकारियों ने बताया की दिसंबर तक इन एक्सप्रेसवे की डीपीआर तैयार करने का काम शुरू होने की आशंका है।
लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि डीपीआर के लिए टेंडर प्रक्रिया खोल दी गई है। सरकार द्वारा अनुमोदन और वित्त मंजूरी की प्रतीक्षा की जा रही है। शासन ने पहले ही 8 एक्सप्रेसवे की डीपीआर के लिए 30 करोड रुपए धनराशि को मंजूरी दे चुकी है। आशंका जताई जा रही है कि ठेकेदार दिसंबर के मध्य तक डीपीआर तैयार करने का काम शुरू कर देंगे।
कुछ दिनों पहले राजस्थान की वित्त मंत्री दिया कुमारी ने प्रदेश में 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण करने की घोषणा की थी। इन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की लंबाई 2756 किलोमीटर होगी। भजनलाल सरकार द्वारा विजन 2047 के मुताबिक इनमें से पांच ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को 2030 तक बनकर तैयार कर लिया जाएगा। इन 500 एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1361 किलोमीटर है। इनमें जयपुर-जोधपुर-पचपदरा एक्सप्रेसवे, कोटपूतली-किशनगढ़, जयपुर-भीलवाड़ा , बीकानेर-कोटपूतली और ब्यावर-भरतपुर जयपुर-जोधपुर एक्सप्रेसवे शामिल है, जिनकी डीपीआर एनएचआई द्वारा तैयार की जा रही है।
अधिकारियों ने कहा कि इन डीपीआर को पूरा करने में आठ से 12 महीने लगेंगे। हालांकि सरकार का लक्ष्य अगले छह वर्षों में पांच एक्सप्रेसवे को पूरा करने का है, लेकिन पीडब्ल्यूडी सभी डीपीआर को एक साथ पूरा करना चाहता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें भूमि अधिग्रहण के लिए पर्याप्त समय मिले। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा, “परियोजनाओं के लिए बड़ी मात्रा में भूमि की आवश्यकता है। यदि डीपीआर तैयार है, तो हमें योजना बनाने और अधिग्रहण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अधिक समय मिलेगा।” इन नौ एक्सप्रेसवे के निर्माण का उद्देश्य राज्य के भीतर और यूपी, एमपी, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और दिल्ली जैसे अन्य राज्यों के साथ हाई-स्पीड कनेक्टिविटी में सुधार करना है।