गोबर गैस प्लांट बनाने के लिए मिल रही 50 प्रतिशत सब्सिडी, 31 अक्टूबर से पहले यहाँ करें आवेदन

ग्रामीण क्षेत्रों में बायो गैस या गोबर आधारित गोबर बहुत महत्वपूर्ण है। ग्रामीण क्षेत्रों में उपला या गोइठा बनाने के लिए गोबर का प्रयोग किया जाता है। किसानों के लिए बायो गैस और गोबर प्लांट एक बहुआयामी योजना है। इससे ईंधन और जैविक खेती के लिए खाद बनाया जा सकता है। बिहार सरकार ने गोबर/बायो गैस प्लांट के महत्व को देखते हुए किसानों को गोबर गैस प्लांट पर अनुदान देने का निर्णय लिया है।

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50 percent subsidy is available for building cow dung gas plant, apply here before 31st October

The Chopal : किसानों को दोगुना लाभ मिलेगा अगर बायो–गैस बनाने के लिए गोबर का उपयोग किया जाए और वर्मी कम्पोस्ट से स्लरी का उपयोग किया जाए। बायो गैस और गोबर प्लांट की लोकप्रियता को देखते हुए सरकार किसानों को गोबर गैस प्लांट बनाने के लिए अनुदान दे रही है। किसान इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करके योजना का लाभ ले सकते हैं।

बायो गैस और गोबर प्लांट से क्या फायदे होंगे?

बायो गैस गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों में महत्वपूर्ण है। इसके निर्माण में घरेलू और कृषि अपशिष्ट सामग्री का उपयोग किया जाता है। इन्हें एक विशिष्ट संयंत्र में डालकर प्राकृतिक प्रक्रियाओं से बायो गैस बनाया जाता है।

इस प्रक्रिया से उत्पादित गैस में प्रायः मीथेन मिलता है, जो एक ज्वलनशील गैस है. घरेलू कार्यों, जैसे खाना बनाना, रोशनी लगाना और कृषि उपयोगी संयंत्रों के संचालन में आसानी से इसका उपयोग किया जा सकता है।

Biogas या wood gas प्लांट पर कितना अनुदान मिलेगा?

किसानों को जो खेती करते हैं और चार से पांच पशु पालते हैं, वे गोबर या बायो गैस इकाई के अनुदान का लाभ लेंगे। किसान एक गोबर/बायोगैस इकाई के लिए अनुदान प्राप्त कर सकता है।

इकाई की स्थापना दीनबन्धु मॉडल पर आधारित है। इसके लिए 10'*12' की निजी जमीन होनी चाहिए। गोबर या बायोगैस बनाने पर 50 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाएगी, या तो 21,000 रुपये प्रति इकाई या 42,000 रुपये की कुल लागत। टर्न-की राशि भी 1500 रुपये दी जाएगी। विभाग ने गोबर गैस प्लांट की लागत 42,000 रुपए की अनुमानित की है, जिसमें किसानों को 22,500 रुपए तक का अधिकतम अनुदान दिया जाएगा।

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योजना का लाभ लेना चाहने वाले किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। किसान गोबर / बायो गैस संयंत्र स्थापना के लिए आवेदन के साथ स्व-अभिप्रमाणित पहचान पत्र, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र, जमीन की रसीद या जमीन से संबंधित अन्य कागजात संलग्न करना होगा. विहित प्रपत्र में आवेदन संलग्न करना अनिवार्य है। गोबर या बायो गैस संयंत्र का नक्शा और प्राक्कलन आवश्यक है। आगामी पांच वर्षों तक, अनुदान प्राप्त उत्पादन इकाई से बायो गैस या गोबर बनाना अनिवार्य होगा। किसानों को आवेदन के साथ इस आशय का शपथ पत्र देना चाहिए।

बायो गैस और गोबर प्लांट के लिए आवेदन कहाँ करें?

किसान ऑनलाइन गोबर गैस इकाई पर अनुदान के लिए अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर या वसुधा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। या अपने मोबाइल या लैपटाप से स्वयं बायो गैस या गोबर इकाई के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसान को पहले से 13 अंकों की DBT संख्या होनी चाहिए। किसान dbtagriculture.bihar.gov.in पर पंजीकरण करके यह संख्या प्राप्त कर सकते हैं।

योजना का लाभ पहले आओ-पहले पाओ सिद्धांत पर आधारित है। किसान योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक व्यक्ति 31 अक्टूबर 2023 तक आवेदन कर सकते हैं।

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