UP और मध्यप्रदेश के बीच बिछेगी 520 किलोमीटर रेललाइन, आने वाली है जमीनों में तेजी
UP News : उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच 520 किलोमीटर लंबा हाई स्पीड रेल ट्रैक बनना एक बड़ा और दूरगामी कदम है। इस हाई स्पीड ट्रैक के बनने से दो राज्यों के प्रमुख शहरों को तेज़ और सुगम कनेक्टिविटी मिलेगी। यात्रा का समय काफी घटेगा, जिससे व्यापार, टूरिज्म और व्यापारिक गतिविधियों को बल मिलेगा। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच 520 किलोमीटर लंबी हाई स्पीड रेललाइन बनाई जाएगी।

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में आवागमन कनेक्टिविटी आसान बनाने को लेकर योगी सरकार तो लगातार प्रयास कर ही रही है और प्रदेश में बहुत बेहतरीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर और रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है. अब उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश के बीच रेल इंफ्रास्ट्रक्चर और मजबूत होने वाला है और लोगों को ट्रेनों से आसान यात्रा प्रदान होगी. इसके लिए दोनों राज्यों के बीच 520 किलोमीटर लंबा हाई स्पीड ट्रेक बनाया जाएगा. इस रेलवे ट्रैक के बीच जाने के बाद जमीनों की कीमतों में लाजमी उछाल देखने को मिलेगा. जमीनों के दाम बढ़ाने के अलावा लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
निर्माण लागत 9 हजार करोड़ से अधिक
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में ट्रेनों से यात्रा आसान होगी। इटारसी से मानिकपुर के बीच 520 किलोमीटर लंबा हाईस्पीड ट्रैक बनाया जाएगा। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच 520 किलोमीटर लंबी हाई स्पीड रेललाइन बनाई जाएगी। इसका सर्वे शुरू हो गया है। इस रेलवे लाइन की निर्माण लागत 9 हजार करोड़ से अधिक होगी। नई रेल लाइन के निर्माण के बाद ट्रेनों की स्पीड और अधिक होगी। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों को तीसरी लाइन के निर्माण से सीधा लाभ मिलेगा। पश्चिम मध्य रेल प्रशासन ने फिजिबिलिटी सर्वे की शुरुआत की है। सर्वे पूरी होते ही अगली प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
200 अंडर ब्रिज और ओवरब्रिज बनेगें
नई लाइन 520 किलोमीटर की होगी। जिस पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी। वर्तमान में इस ट्रैक पर ट्रेनें 110 से 120 किमी की रफ्तार से चलती हैं। भविष्य में ट्रेनों की संख्या बढ़ सकती है। इस दौरान करीब 200 अंडर ब्रिज और ओवरब्रिज भी बनाए जाएंगे। परियोजना पर कुल 9,275 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इस मार्ग से कोयला, बॉक्साइट, सीमेंट और अन्य खनिजों का परिवहन होता है। दोहरी लाइन होने से पैसेंजर ट्रेनें अक्सर प्रभावित होती हैं। लाइन के तिहरीकरण से सीमेंट और अन्य सामग्री का परिवहन तेज होगा। इससे औद्योगिक विकास तेज होगा। लॉजिस्टिक्स और व्यापार भी इससे मजबूत होंगे। यह रेलमार्ग देश के सबसे व्यस्त दिल्ली-मुंबई रेल कॉरिडोर से जुड़ा हुआ है, जहां यात्री और मालगाडिय़ां अक्सर ट्रेनों की भारी भीड़ से प्रभावित होती हैं। थर्ड लाइन बनाने से मौजूदा नेटवर्क पर ट्रैफिक दबाव कम होगा। ट्रेन काम करेगा।
मध्य प्रदेश के इन क्षेत्रों से गुजरेगा रेलमार्ग
रेलाइन इटारसी, पिपारिया, गाड़रवारा, करेली, नरसिंहपुर, श्रीधाम, जबलपुर, कटनी, मैहर और सतना तक जाएगी। जो मानिकपुर पहुंचेगा। जबलपुर सीपीआरओ हर्षित श्रीवास्तव ने बताया कि रेल ट्रैक पर सर्वे शुरू हो गया है। रेलवे बोर्ड रिपोर्ट प्राप्त करेगा। तीसरी लाइन की स्थापना से ट्रेनों के फेरे बढ़ेंगे। यात्रियों को बेहतर यात्री सुविधाएं भी मिल सकती हैं।