UP में 60 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करके दो एक्सप्रेसवे का होगा मिलन, यातायात का दबाव होगा कम
Yamuna Expressway : यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (केजीपी) को जोड़ने का कार्य तेज गति से प्रारंभ हो गया है। इस परियोजना के तहत अब तक लगभग 60 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की टीम ने दोनों एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए प्रस्तावित इंटरचेंज की जमीन का निरीक्षण भी किया है।
The Chopal : ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (केजीपी) को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने का काम शुरू हो गया है। 60 हेक्टेयर जमीन इस परियोजना के लिए अधिग्रहण की गई है। NHAI टीम ने हाल ही में दोनों राजमार्गों को जोड़ने वाली इंटरचेंज जमीन की जांच की है। यह कनेक्टिविटी नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों को और अधिक सुगम बनाएगी। परियोजना के पूरा होने से यात्रियों को जाम से राहत मिलने के साथ ही औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि की उम्मीद है।
यातायात कम होगा
वर्तमान में, आगरा जाने वाले वाहन चालकों को केजीपी से यमुना एक्सप्रेसवे पर जाने के लिए 15-20 किलोमीटर और चलना पड़ता है। इस परियोजना से यातायात और यात्रा समय दोनों कम होंगे। यात्रियों को परी चौक और कासना में लगने वाले जाम से भी छुटकारा मिलेगा।
नए विकल्प खुलेंगे
यमुना एक्सप्रेसवे से गाजियाबाद, हापुड़ और मेरठ से आगरा जाना आसान होगा। Interchange पर कुल 11 किलोमीटर लंबे आठ लूप बनाए जाएंगे। इनसे इंटरचेंज से उतरने और चढ़ने में आसानी होगी। इस परियोजना की लागत लगभग 270 करोड़ रुपये होगी। योजना को एक वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य है।
परियोजना का समय क्यों लग गया?
यह परियोजना वर्ष 2023 में शुरू हुई थी, लेकिन मिट्टी पर खर्च होने वाले 22 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च के कारण कुछ समय रुक गई। बाद में, NHAI इस परियोजना को संभाला। यह परियोजना क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण है। इससे क्षेत्र का विकास और यातायात में सुधार होगा।