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7th Pay Commission : कर्मचारियों के लिए बुरी खबर, बेसिक सैलरी में DA merger को लेकर सरकार का जवाब

7th Pay Commission :महंगाई भत्ता की घोषणा से पहले ही कर्मचारियों को भारी चोट लगी है।  केंद्र सरकार ने बेसिक सैलरी में डीए मर्जर पर लिखित उत्तर दिया है।  एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ते के बेसिक सैलरी में मर्ज करने का जवाब मिला है  (7th Pay Commission DA Merger)।  सरकार ने लिखित उत्तर देकर कर्मचारियों की उम्मीदों को भी तोड़ दिया है।  8वें वेतन आयोग पर भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा अपडेट दिया है। 

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7th Pay Commission : कर्मचारियों के लिए बुरी खबर, बेसिक सैलरी में DA merger को लेकर सरकार का जवाब 

The Chopal, 7th Pay Commission : सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते के मर्जर पर प्रतिक्रिया दी है।  केंद्रीय कर्मचारियों ने बेसिक सैलरी में महंगाई भत्ता को मर्ज  (DA Merger) करने की मांग की।  लेकिन सरकार ने इस पर स्पष्ट प्रतिक्रिया दी है।  सरकार कहती है कि महंगाई दर हर छह महीने में बदलती है। 

ये आवश्यकता कर्मचारी संगठनों की है

कर्मचारी संगठन महंगाई भत्ता मूल वेतन में जोड़ने की मांग कर रहे हैं।  कर्मचारियों की मांग है कि 7th Pay Commission DA Merger का महंगाई भत्ता 50% से अधिक होगा।  कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) की एक बैठक नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी में हुई थी।  इसमें डीए को मर्ज करने की भी चर्चा हुई। 

प्रश्न राज्यसभा में उठाया गया था

केंद्रीय सरकार ने महंगाई राहत और कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मर्ज करने के बारे में कहा कि सातवीं पेंशन कमीशन DA विलय नहीं है।  राज्यसभा ने लिखित उत्तर से पूछा।

कर्मचारी संगठन मूल वेतन में पचास प्रतिशत महंगाई भत्ता जोड़ने की मांग कर रहे थे।  बता दें कि छठे वेतन आयोग ने भी मूल वेतन में डीए को शामिल नहीं करने की सिफारिश की थी, जिसे सरकार ने मान लिया था।

राज्यमंत्री ने लिखित उत्तर दिया
 
मंगलवार को वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार के पास डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।  डीए हर छह महीने में संशोधित होता है। 

सरकार ने योजना को खारिज कर दिया
 
केंद्र सरकार ने महंगाई राहत और कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को मूल वेतन और मूल पेंशन में मर्ज करने (DA in Basic Salary) की कोई योजना नहीं बनाई है।  इसके पीछे सरकार ने लिखित तर्क भी दिए हैं।  सरकार ने सभी सवालों का जवाब दिया है। 

सरकार ने मांग को मानने से इनकार कर दिया

केंद्रीय सरकार ने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मूल वेतन में जोड़ने से इनकार कर दिया है।  सरकार का कहना है कि इससे सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ेगा।  साथ ही, वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई से राहत देने के लिए डीए/डीआर (7th Pay Commission DA Merger) दिया जाता है।  यह हर छह महीने में बदल जाता है।  

कर्मचारी संगठन ने कहा कि मर्ज करना अनिवार्य है

केंद्रीय कर्मचारी संघों ने भी महंगाई भत्ते को मूल वेतन में शामिल करने की मांग की है।  कर्मचारी संघों का कहना है कि महंगाई भत्ता (DA) को बेसिक सैलरी में शामिल करने से कर्मचारियों को पैसे मिलेंगे।  महंगाई बढ़ने के चलते, कर्मचारियों को मूल वेतन में डीए मिलाना फायदेमंद होगा।

सरकार ने बताया

सरकार का कहना है कि मूल वेतन में महंगाई भत्ता मर्ज करना (7th CPC DA Merger) सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ा देगा।  सरकार फिलहाल इस प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है।  सरकार हर छह महीने में कर्मचारियों के हितों को देखते हुए डीए की दरों में बदलाव करती रहती है।  पंकज चौधरी ने बताया कि 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद से सरकार ने डीए/डीआर की 15 किस्तें दी हैं। 

8वें वेतन आयोग पर भी गंभीर प्रतिक्रिया

उधर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission DA Merger) के बारे में बहुत कुछ बताया है।  8वें सीपीसी से 36 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा, जैसा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम ने कहा।  इससे पेंशनभोगियों और सैन्य कर्मचारियों को भी फायदा होगा।  सरकार ने एक नए वेतन आयोग भी बनाया है, उन्होंने कहा। 

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