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लखनऊ के 88 गांव अब शहर की तरह चमकेंगे, 79.10 करोड़ से बदलेगी तस्वीर, होंगे ये काम

UP News : उत्तर प्रदेश विकास के मामले में अब चार कदम और आगे बढ़ा हैं। उत्तर प्रदेश के 88 गांवो में विकास के काम रफ्तार पकड़ने वाले हैं। अब लखनऊ नगर निगम में शामिल हुए गांवों के दिन बहुर जाएंगे। इन गांवों को, जो लगभग पांच साल पहले नगर निगम की सीमा में आ गए हैं, जल्द ही बड़ा बजट विकास कार्यों के लिए मिलने वाला है।

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लखनऊ के 88 गांव अब शहर की तरह चमकेंगे, 79.10 करोड़ से बदलेगी तस्वीर, होंगे ये काम

Uttar Pradesh News: विकास के माध्यम से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जुड़े गांवों को जोड़ा जाएगा। लखनऊ से जुड़े गांवों की तकदीर बदलने वाली हैं। विकास कार्यों को नगर निगम में शामिल 88 गांवों में लागू करने की नई योजना बनाई गई है। बता दे की 79.10 करोड़ रुपये का बजट नगर निगम ने शासन को भेजा है। नगर निगम ने सीएम नगर सृजन योजना 2024–2025 को लागू करने का फैसला किया है। बजट की मंजूरी मिलने के बाद सड़कों के निर्माण सहित अन्य परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। चीफ इंजिनियर महेश वर्मा ने कहा कि सड़कों और जल निकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम पर 52 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

88 गांवों को नगर निगम में जोड़ा गया

2019 में राजधानी के 88 गांवों को नगर निगम में जोड़ा गया था, लेकिन इन गांवों में करीब ढाई लाख लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली थीं। लेकिन अब यहां विकास होने वाला है। अगले वर्ष इन गांवों को शहर की ओर से 80 करोड़ रुपये से चमकाया जाएगा। वित्त की बैठक के बाद इसे जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। इन गांवों की सड़कों और नालों की मरम्मत के लिए अभी तक बारह करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

बनेगा रिसर्च सेंटर

रिसर्च सेंटर राजकीय होम्योपैथ कॉलेज और चिकित्सालय में बनाया जाएगा। बजट प्रस्ताव पर मुहर लगी है। राजकीय होम्योपैथ कॉलेज के विद्यार्थी और डॉक्टर रिसर्च सेंटर में शोध कर सकेंगे। बजट जल्द ही शासन से भेजा जाएगा। कुछ बीमारियों पर अभी भी शोध चल रहा है, लेकिन उन्हें सार्वजनिक करने के लिए बजट की जरूरत होगी।

लखनऊ नगर निगम का क्षेत्र 568 वर्ग किलोमीटर था

88 गांवों को नगर निगम की सीमा में जोड़ा गया, नगर निगम के प्रमुख अभियंता महेश चंद्र ने बताया। इसके बाद नगर निगम का क्षेत्र 310 किलोमीटर से 568 किलोमीटर हो गया। ऐसे में इस क्षेत्रफ़ल को विकसित करना भी नगर निगम का काम था। इसलिए इन गांवों की सड़कें और नालियां पहले 12 करोड़ रुपये से सुधारी गईं। लेकिन अब नई सड़कें, नालियां, सड़क प्रकाश और सीवर लाइन का निर्माण करने के लिए लगभग आठ सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि आगामी वित्त बैठक में इस पर भी फैसला लिया जाएगा।

नगर निगम के अंतर्गत गांव

अल्लूनगर डिगुरिया,  मिर्जापुर, बाघामऊ, मस्तेमऊ, मुजफ्फुरन घुसवल, निजामपुर मझिगवां, सोनई कजेहरा, बरौली, मोहम्मदपुर मजरा, नौबस्ता क गोयला, धावा, सैदपुर जागीर, रायपुर, भिठौली न मोहिउद्दीनपुर,  जेहटा, सैथा, रसूलपुर कायस्थ, अजनहर क मिश्रपुर, गुडम्बा, बरखुरदारपुर,  लौलाई, निजामपुर मल्हौर, उत्तर धौना, गणेश रहमानपुर, सेमरा, अलीनगर, नरहन घैला, तिवारीपुर, शाहपुर, अलीनगर सुनहरा, सद सरोसा भरोसा, सराय शेख, टेराखास, हासेमऊ, भरव लोनापुर, चंदियामऊ, भैसोरा, खरगापुर, हुसेडिया, मकदूम् मलेसेमऊ,   अरदौना मऊ, सरसवां, अहिमाम चक कंजेहरा, माढरमऊ खुर्द, खरगपुर जागीर, खलीलाब बरौना, सेंवई, बिरूरा, माढरमऊ कलां, हसनपुर खेळ यूसुफनगर, आधार खेड़ा, बसहा, दस रसूलपुर सादात, हरिहरपुर, मलाक, घुसवलकलां, देवामऊ,  हरिकंश गढ़ी, पुरसेनी, कल्ली पश्चिम, अलीनगर खुर्द, अशरफ नगर, रसूलपुर इठुरिया, बिजनौर, नट मीरानपुर पिनवट, सिकरोरी, लालनगर, महिपतमऊ, सराय प्रेमन मौरा, अमौसी, अनौरा, कलिया खेड़ा,  नरौना, सलेमपुर पतौरा शनिल गांव लखनऊ नगर निगम में शामिल हुए हैं. इन गांवों में जल्द ही बड़े स्तर पर विकास कार्य शुरू होंगे.