UP के 9 करोड़ लोगों को इस योजना का मिलेगा बंपर लाभ, CM योगी ने लाभार्थियों को कार्ड सौंपकर की शुरुआत
UP News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना की तारीफ करते हुए कहा कि इस कार्ड को हर साल रिन्यूवल कराना होता है. 9 करोड़ से अधिक लोगों को उत्तर प्रदेश सरकार की नई योजना से लाभ मिलेगा। बुनियादी सुविधाओं में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए यह योजना लागू की जाएगी। यह अभियान सरकारी सेवाओं से सीधे जुड़ने और गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की जीवनशैली को सुधारने पर केंद्रित है। आधिकारिक घोषणाओं को अधिक जानकारी के लिए देखें।

Uttar Pradesh News : सोमवार (9 दिसंबर) को गोरखपुर के महंत दिग्विजयनाथ पार्क में 'आयुष्मान वय वंदना योजना' कार्ड वितरण कार्यक्रम हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर बीस लाभार्थियों को कार्ड दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान अपने भाषण में कहा कि आयुष्मान भारत योजना सितंबर 2018 में शुरू की गई थी। ये विश्व की सबसे बड़ी बीमा योजना है। लाभार्थी को इसमें कुछ नहीं देना होगा।
उन्हें इस योजना का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसकार्ड हर साल नवीनीकरण किया जाना चाहिए। इससे राज्य या देश के किसी अस्पताल में 5 लाख रुपये तक का इलाज मिल सकता है। उन्होंने बताया कि इसके तहत गोरखपुर के 380 अस्पतालों में ये सुविधा मिल रही है. इसमें 190 सरकारी अस्पताल हैं.
5 लाख लोगों को उपचार मिलेगा
मुख्यमंत्री योगी ने इसके बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के हाथ कांप रहे हैं। इस प्रकार की परिवार व्यवस्था लाभप्रद है। बुजुर्गों को हर साल पांच लाख रुपये की चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब तक इस योजना से 8 हजार 300 लोग जुड़े हैं। जिन्हें इलाज के लिए हर साल पांच लाख रुपये मिलेंगे। उन्होंने कहा कि जब भारत स्वस्थ हो जाएगा, तो वह सशक्त हो जाएगा। डबल इंजन सरकार में सशक्त भारत और स्वस्थ भारत की गारंटी होगी। उत्तर प्रदेश में लाभार्थियों की संख्या 9 करोड़ लोग हैं. ये प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की बीमा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए काउंटर हैं, जिससे किसी को कोई असुविधा न हो. एक और प्रधानमंत्री और प्रदेश में मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना के तहत जोड़ने का कार्य सरकार कर रही है.
5000 से ज्यादा लोगों ने लाभ लिया
जिन लाभार्थियों का नाम नहीं मिल सका, उनके नाम भी इसमें जोड़े गए हैं। अकेले गोरखपुर में 5 हजार 433 लोगों को 123 करोड़ रुपये मिले हैं। ऐसे लोगों की देखभाल के लिए सरकार ने प्रणाली बनाई। इसके लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से धन मिलता है। गोरखपुर के अस्पतालों को आयुष्मान भारत कार्यक्रम से 300 करोड़ रुपये मिल गए हैं। गोरखपुर में पहले इंसेफेलाइटिस से बड़ी संख्या में मौतें होती थीं, लेकिन अब सरकार ने इसे लगभग समाप्त कर दिया है। वर्तमान में एमएस में इलाज उपलब्ध है। सरकार ने बस्ती, देवरिया, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, गोंडा में मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया है. आईसीयू, एमआरआई, ब्लड बैंक की सुविधा प्राप्त हो, इसके लिए सरकार ने विशेष प्रयास किए हैं. आज उसका लाभ नागरिकों को मिल रहा है. कोरोना से पहले इंसेफ्लाइटिस की कारगार रोकथाम की गई.
यूपी में 65 मेडिकल कॉलेज बनाए गए
COVID-19 महामारी के बाद स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का दावा सीएम योगी ने अपने संबोधन में किया। उनका दावा था कि 70 वर्षों में सिर्फ पांच मेडिकल कॉलेज बने हैं। 65 मेडिकल कॉलेज अब 75 जिलों में शुरू हो चुके हैं। जो स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए डबल इंजन सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "आयुष् मान भारत, मुख् यमंत्री जनआरोग्य योजना, दीनदयाल उपचार योजना, आयुष् मान वय वंदना योजना, मुख् यमंत्री राहत कोष की सुविधा का एक ही उद्देशय है कि सशक्त भारत के लिए स्वस्थ भारत चाहिए। गोरखपुर के सांसद रवि किशन और विधायक विपिन सिंह ने भी लोगों को संबोधित किया.