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Delhi में फ्लैट्स खरीदते समय इन 9 बातों का ध्यान, वरना हो जाएगी मुश्किल

Delhi - अगर आप भी दिल्ली में फ्लैट खरीदने का प्लान कर रहे है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल ये खबर आपको अलर्ट करने के लिए है। आपको बता दें कि दिल्ली में फ्लैट खरीदते समय सतर्क रहने की जरूरत है वरना आपको मोटा चूना लग सकता है...

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Keep these 9 things in mind while buying flats in Delhi

The Chopal News:- नया घर/फ्लैट खरीदना जीवन के बहुत महत्वपूर्ण फैसले में से एक होता है. यह वास्तव में आपके एक सपने के पूरा होने जैसा भी होता है. युवा जॉब की शुरुआत से ही अपने सपने का घर खरीदने के लिए कोशिश शुरू कर देते हैं.

सालों तक बचत करने और योजना बनाने के बाद आपकी कोशिश यह होनी चाहिए कि आप सही फैसला लें, जिससे बाद में आपको कोई पछतावा ना हो.

हम आपको यहां कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं जिनका ध्यान रखकर आप सही फैसला ले सकते हैं. घर खरीदने में आपकी बचत के साथ होम लोन के रूप में भी काफी रकम निवेश की जाती है, इस हिसाब से आपको अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है.

नया घर या फ्लैट खरीदते वक्त आपको इलाके की लोकेशन, फ्लैट या घर के पजेशन की तारीख और कारपेट एवं कवर्ड एरिया जैसी कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए.
1.प्रॉपर्टी की कीमत-

सबसे पहले आपको घर खरीदने के लिए एक बजट तैयार करना चाहिए. अगर आपको पता है कि आप घर खरीदने पर कितनी रकम खर्च कर सकते हैं तो घर चुनना आसान हो जाता है.इसके बाद आस-पास के इलाके में मौजूद प्रॉपर्टी से अपनी संपत्ति की तुलना करें. इससे आपको पता लग जायेगा कि बिल्डर ने आपको सही कीमत बताई है या नहीं.

अब ऐसे बहुत से साधन हैं जिनसे आप संपत्ति कीमत की तुलना कर सकते हैं. प्रॉपर्टी की ऑनलाइन साईट, इलाके के प्रॉपर्टी डीलर और न्यूजपेपर में छपने वाले विज्ञापन से आप उस इलाके में संपत्ति की कीमत का अनुमान लगा सकते हैं.

2. फ्लैट का कारपेट एरिया-

आम तौर पर जब आप किसी प्रॉपर्टी का विज्ञापन देखते हैं तो उसमें सुपर बिल्ट अप एरिया लिखा जाता है. इसमें शाफ्ट, एलीवेटर स्पेस, सीढियां, दीवार की मोटाई जैसी चीजें भी शामिल होती है. अगर आप इसके हिसाब से अनुमान लगायेंगे तो फ्लैट देखने पर आप मायूस होंगे, क्योंकि वास्तव में आपका कारपेट एरिया कम निकलेगा.

बिल्ट अप एरिया की तुलना में कारपेट एरिया 30 फीसदी तक कम होता है. आम तौर पर जब एक फ्लोर पर दो फ्लैट होते हैं तो कॉमन स्पेस की जगह भी दोनों में बराबर बंट जाती है.

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3.लैंड रिकॉर्ड-

जिस जमीन पर आपका मकान बना है, वह बहुत महत्वपूर्ण है. आपको उस जमीन की मिट्टी के बारे में पता होना चाहिए. इसके साथ ही वजह जमीन हर तरह के सरकारी बकाये से मुक्त होनी चाहिए और रजिस्टर्ड होनी चाहिए.

घर खरीदने से पहले आपको टाइटल डीड जरूर देखना चाहिए और उसे वेरीफाय करना चाहिए. इस डीड में जमीन के मालिकाना हक आदि के बारे में विस्तृत जानकारी होती है.

4.प्रॉपर्टी की कानूनी जानकारी-

आपको प्रॉपर्टी खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस जमीन पर यह बनी है, वह कानूनी झंझट से मुक्त हो. आप यह पता करें कि क्या डेवलपर को सभी मंजूरी मिल गयी है? इसमें रजिस्ट्रार, इलाके की डेवलपमेंट अथॉरिटी, जल आपूर्ति, विद्युत् बोर्ड और नगर निगम आदि शामिल हैं.

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