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UP में यहां 170 किलोमीटर का ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर बनेगा, 1 स्टेशन और 20 प्लेटफार्म बनेंगे

UP News : उत्तर प्रदेश में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से विकसित किया जा रहा है, और इसके तहत "ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर" नामक एक महत्त्वाकांक्षी योजना शुरू की जा रही है। शहर के चारों ओर एक रिंग की तरह रेलमार्ग बनाया जाएगा। जिससे शहर में ट्रेन का दबाव कम होगा। रेलवे इसके लिए 4.25 करोड़ रुपये खर्च करेगा।

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UP में यहां 170 किलोमीटर का ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर बनेगा, 1 स्टेशन और 20 प्लेटफार्म बनेंगे

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से मजबूत किया जा रहा है. प्रदेश में अब आर्बिटल रेल कॉरिडोर लगभग 170 किलोमीटर लंबा बनाया जाएगा और इसके साथ एक नया रेलवे स्टेशन भी बनाया जाएगा. शहर का यातायात से बहुत ज्यादा आसान हो जाएगा. इस योजना को उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल जल्द ही शुरू करेगा। आर्बिटल रेल कॉरिडोर लगभग 170 किमी लंबा होगा और शहर को चारों ओर गोल घेरा बनाएगा।

यातायात को सुधारने के लिए व्यापक प्रयास

राजधानी लखनऊ में यातायात को सुधारने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। आउटर रिंग रोड पहले बनाया गया था, लेकिन अब ट्रेनों से भी काम किया जाएगा। रेलवे ने लखनऊ में आर्बिटल रेल कॉरिडोर बनाने की अंतिम जगह का सर्वे कराने की अनुमति दी है। आर्बिटल रेल का अर्थ है कि लखनऊ शहर के चारों ओर एक रिंग की तरह रेलमार्ग बनाया जाएगा। जिससे शहर में ट्रेन का दबाव कम होगा। रेलवे इसके लिए 4.25 करोड़ रुपये खर्च करेगा।

इस योजना को उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल जल्द ही शुरू करेगा। आर्बिटल रेल कॉरिडोर लगभग 170 किमी लंबा होगा और शहर को बाहरी ओर से गोल घेरे की तरह कवर करेगा, जैसा कि अधिकांश बड़े शहरों में होता है। लखनऊ के आसपास रेलवे स्टेशन पूरे शहर को जोड़ेंगे। इस कॉरिडोर के निर्माण से शहर में रेलवे भार कम हो जाएगा।

कॉरिडोर के सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों से कनेक्ट होगा

इस योजना के तहत शहर के प्रमुख इलाकों में रेलवे स्टेशनों को जोड़ा जाएगा, जैसे आलमनगर, मानकनगर, उतरेटिया, मल्हौर, महोबुल्लापुर, सुल्तानपुर, अनूपगंज या बक्कास और बादशाह नगर। इस कॉरिडोर के निर्माण से बाहर से आने वाली मालगाड़ियों और कुछ ट्रेनों को चारबाग रेलवे स्टेशन तक पहुंचने की आवश्यकता नहीं होगी। रेलवे ने इस कॉरिडोर को स्वीकृति दे दी है। इसके लिए सर्वेक्षण जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।

इस कॉरिडोर की स्थापना से लखनऊ की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा, साथ ही रेलगाड़ियों के परिचय में लगभग एक घंटे की कमी होगी, जो प्रति गाड़ी लगभग एक घंटे बचेगा। रेल ऑन रेल पुलों से प्रमुख मार्गों से जुड़ा हुआ कॉरिडोर वाई कनेक्शन इससे जुड़ा होगा। तीस से अधिक लाइनें और बीस प्लेटफॉर्म वाला एक नया ग्रीनफील्ड मेगा पैसेंजर टर्मिनल इसमें बनाया जाएगा।

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