बिहार के इन जिलों के बीच बनेगा 281 KM लंबा एक्सप्रेस-वे, 14 जिलों के किसानों से खरीदी जाएगी जमीन
BIhar News : बिहार में आने वाले दिनों में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर आपको अलग ही नजर आने वाला है। प्रदेश को तीन महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की मंजूरी की शुरुआत मिली है। एक्सप्रेस पेपर योजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो पाई है। इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 281 किलोमीटर होगी और 14 जिलों में जमीन अधिग्रहण होना है।

National Highway Authority Bihar: बिहार का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से बदलने वाला है। खासकर तीन मेगा एक्सप्रेसवे परियोजनाओं को मिली मंजूरी और उनमें जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया की शुरुआत से यह साफ है कि राज्य अब तेज, चौड़ी और आधुनिक सड़कों के युग में कदम रख रहा है। बिहार में तीन एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं को मंजूरी मिली है, लेकिन केवल पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो पाई है। रक्सौल-हल्दिया और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के दस्तावेजों की अभी प्रक्रिया चल रही है, इसलिए इस वर्ष काम शुरू होने की संभावना बहुत कम है। भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण इन एक्सप्रेस-वे को लागू करना मुश्किल हो रहा है।
बिहार को एलाइनमेंट को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद, इन तीन एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण की दस्तावेजी प्रक्रिया शुरू होगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जिन तीन एक्सप्रेस-वे को मंजूरी दी है, उनमें से केवल पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे के लिए कंपीटेंट अथॉरिटी ऑफ लैंड एक्विजिशन (काला) बनाया गया है।
वहीं, रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस वे और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के एलाइनमेंट को अभी हाल में मंजूरी दी गई है। राज्य सरकार को अभी मंजूरी के दस्तावेज नहीं मिले हैं। ऐसे में इस वर्ष काम शुरू करना मुश्किल है। दस्तावेज प्राप्त होने के बाद काला बनाया जाएगा। इसके बाद जमीन अधिग्रहण की विधिवत प्रक्रिया शुरू होगी।
एक्सप्रेस-वे का काम इस वर्ष शुरू होने की उम्मीद नहीं है
इस वर्ष एक्सप्रेस-वे का काम शुरू होने की उम्मीद नहीं है। योजना पर काम शुरू नहीं हो सकता जब तक 80 प्रतिशत जमीन संबंधित योजना के लिए नहीं मिल जाती। रक्सौल-हल्दिया और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करना असंभव है क्योंकि पथ निर्माण विभाग को अभी तक एलाइनमेंट स्वीकृति के दस्तावेज नहीं मिले हैं। दस्तावेज आने के बाद उन जिलों में, जहां से दोनों राजमार्ग गुजरेंगे, इसके लिए काला बनाया जाएगा। पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे काला का गठन हो चुका है पर 80 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण इतनी जल्दी कर लिए जाने में परेशानी है।
एक्सप्रेस-वे के लिए जगह आवश्यक
पटना-पूर्णिया राजमार्ग 281.05 किमी है। इस छह लेन एक्सप्रेस-वे को बनाने के लिए 14 जिलों में जमीन अधिग्रहण होनी हैं।
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे भी छह लेन में बनेगा। इसकी लंबाई 719 किमी है, जिसमें बिहार में 367 किमी सड़क बनानी है।
इस प्रोजेक्ट के लिए पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ूी, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई व बांका जिले में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है।
वहीं, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे की लंबाई 521 किमी है, जिसमें 416 किमी बिहार में बनाई जाएगी।
इस प्रोजेक्ट के लिए पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया व किशनगंज जिले में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है।