UP में 2 जिलों के बीच बनेगा 6 लेन का हाईवे, 12 गांवों की जमीन अधिग्रहण होगी, जल्द कटेगा सफर
UP News : उत्तर प्रदेश के दो जिलों के बीच प्रस्तावित हाईवे चौड़ीकरण परियोजना से आम जनता के लिए यात्रा करना आसान हो जाएगा। इस परियोजना के चलते जहां क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मजबूत होगी, वहीं 12 गांवों के किसानों को इसका सीधा आर्थिक लाभ मिलने वाला है।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के दो जिलों के बीच हाईवे चौड़ीकरण से आम जनता का आवागमन आसान होने के साथ-साथ उन 12 गांव के किसानों का बड़ा फायदा होने वाला है. इस प्रोजेक्ट के चलते जमीन की कीमतों में भी तगड़ा उछाल आएगा. इस प्रोजेक्ट को लेकर 12 गांव में किसानों से जमीन अधिग्रहण किया जाएगा. मथुरा-बरेली राजमार्ग की चौड़ीकरण पर समझौता हो चुका है। 12 गांव की जमीन इसके लिए दी जाएगी।
बारह गांवों की जमीन अधिग्रहण
पैकेज चार राजमार्ग (मथुरा-बरेली) जल्द शुरू होगा। इसके परिणामस्वरूप बदायूं के बारह गांवों की जमीन अधिग्रहण की जाएगी। NHAI और निर्माण कंपनी ने इसके लिए समझौता कर लिया है। अब ठेकेदार को पांच महीने में काम शुरू करना होगा।NHAI मथुरा से हाथरस और बदायूं से बरेली तक छह लेन का राजमार्ग बना रहा है।
NHAI और कंपनी का अनुबंध
योजना का चौथा लक्ष्य बदायूं से बरेली के बीच 37 किमी लंबी सड़क बनाना है। एनएचएआई और हरियाणा की धारीवाल बिल्डटेक लिमिटेड कंपनी ने इसके लिए एक अनुबंध किया है। कंपनी को अक्तूबर तक पांच महीने में काम शुरू करना होगा। इसके निर्माण में लगभग 600 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इन 12 गांवों को जमीन दी जाएगी
इसमें बदायूं शहर के चंदनगर, करतौली, कुतुबपुरथरा, वाकरपुर खंडहर, रहमा, डुमैरा, उझैली, रसूलपुर, ढकिया, मलिकपुर, मलगांव, घटपुरी और बिनावर गांवों की जमीन शामिल है, जो कुल 33.4310 हेक्टेयर है। इन गांवों को 60 करोड़ रुपये का मुआवजा देना होगा। अब तक एडीएम वित्त एवं राजस्व से पांच करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया गया है। अन्य किसानों को मुआवजा देने का काम अभी चल रहा है।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएं:
लंबाई: 228 किलोमीटर
अनुमानित लागत: ₹7700 करोड़
निर्माण अवधि: 2 वर्षों में निर्माण पूरा होने का लक्ष्य
कॉरिडोर का मार्ग इस प्रकार होगा:
मथुरा से हाथरस – 66 किमी
हाथरस से कासगंज – 57 किमी
कासगंज से बदायूं – 46 किमी
बदायूं से बरेली – 59 किमी