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UP में 3900 करोड़ से बनेगा फोरलेन हाईवे, 96 गांवों से गुजरेगा ये मार्ग

UP News : प्रोजेक्ट रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जो कानपुर के रमईपुर से महोबा के कबरई तक 112 किलोमीटर लंबी फोरलेन ग्रीन हाईवे बनने वाला हैं। 3900 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस हाईवे का निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा। इसके बनने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

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UP में 3900 करोड़ से बनेगा फोरलेन हाईवे, 96 गांवों से गुजरेगा ये मार्ग

Uttar Pradesh News : कानपुर के रमईपुर से महोबा के कबरई तक बनने वाले 112 किलोमीटर लंबे फोरलेन ग्रीन हाईवे परियोजना पर काम तेज़ी से प्रगति पर है। इस हाईवे की कुल लागत 3900 करोड़ रुपये है, और इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यह हाईवे सड़क सुरक्षा, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाएगा।

केंद्रीय परिवहन सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के निर्देशों के बाद यह राजमार्ग जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। यह ग्रीन हाईवे 96 गांवों (कानपुर नगर, फतेहपुर, हमीरपुर और महोबा) से होकर गुजरेगा। इससे इन गांवों में सुधार की उम्मीद बढ़ी है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में रमईपुर के रिंग रोड से महोबा के कबरई कस्बे तक एक फोरलेन हाईवे बनाने की घोषणा की थी, जो कानपुर सागर हाईवे के साथ जुड़ जाएगा। निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सर्वे कराया था। इसका डीपीआर जल्द ही पूरा हो जाएगा। इससे कानपुर-सागर मार्ग पर यातायात कम होगा। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं को कम करेगा।

रोड इन गांवों से गुजरेगा

हमीरपुर तहसील के पत्योरा डांडा, देवगांव, गहतौली, जलाला, पचखुरा बुजुर्ग, टेढ़ा, पंधरी, पारा रैपुरा, इटरा, चंदपुरवा बुजुर्ग, इंगोहटा आदि क्षेत्रों से फोरलेन हाईवे गुजरेगा। जैसे मौदहा तहसील के अरतरा, परछा, करहिया, छिमौली, मदारपुर, अकौना, रीवन, रतवा होते हुए महोबा के खन्ना, चिचारा, बन्हिगा, बरवई, गौहरी, कबरई आदि मौजे से निकलेंगे।

कबरई-कानपुर फोरलेन हाईवे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार होने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। भूमि अधिग्रहण इसके बाद शुरू होगा। हाईवे का निर्माण जल्द ही शुरू होगा। इसके निर्माण से कानपुर-सागर मार्ग पर यातायात कम होगा। साथ ही, इसी वर्ष रोहाइन नाला में बनाए जा रहे समानांतर पुलों का भी काम पूरा होना है। कानपुर से महोबा तक का यह फोरलेन ग्रीन हाईवे उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजना है। यह न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास को भी नई दिशा देगा। सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल यात्रा के लिए यह परियोजना आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगी।