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UP में अब यहां भी बसेगा नया शहर, 70 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर पहुंचे जमीन रेट

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UP : यूपी और हरियाणा की सीमा पर बसा शामली जिला भौगोलिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। जब से शहर के चारों तरफ हाईवे निर्माण और अन्य विकास योजनाएं शुरू हुई हैं, तब से जमीन के दाम आसमान छूने लगे हैं। लोगों का रुझान शहर के बाहरी क्षेत्र की तरफ लगातार बढ़ रहा है। भविष्य में हाईवे के आसपास ही नया शहर बसेगा।

जिले में दिल्ली-सहारनपुर, मेरठ-करनाल और पानीपत-खटीमा हाईवे का निर्माण चल रहा है। दिल्ली-देहरादून इकनॉमिक कॉरिडोर एक्सप्रेसवे, अंबाला-शामली इकनॉमिक कॉरिडोर एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। शहर के चारों ओर बाईपास का निर्माण भी हो रहा है। इनके आस-पास कृषि भूमि पर अब आवासीय कॉलोनियां विकसित हो रही हैं और व्यवसायिक कांपलेक्स (commercial complex) भी बनाए जा रहे हैं। पूर्वी यमुना नहर के किनारे भी कई कॉलोनियां बसाई जा रही हैं। ऐसे में जिले में कृषि और आवासीय भूमि के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं।

शहर के पांच से सात किमी के दायरे में गोहरनी, मुंडेट, बधेव, खेड़ीकरमू, टिटौली, सिंभालका, बलवा, रेलपार, बनत, शामली शहर, लिलौन गांव के आसपास कृषि भूमि में प्लाट काट दिए गए हैं। कलक्ट्रेट के आसपास भी कई कॉलोनी विकसित हो रही हैं।

कैराना रोड पर सबसे ज्यादा बढ़े भूमि के दाम-

पिछले करीब 11 वर्षों में शहर का विस्तार होने पर सबसे ज्यादा दाम कैराना रोड पर बढ़े हैं। यहां 70 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तक भूमि के रेट पहुंच गए हैं। इसका कारण औद्योगिक क्षेत्र का करीब होना माना जा रहा है। सहारनपुर और मुजफ्फरनगर रोड पर 25 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तक भूमि के दाम पहुंच गए हैं। मेरठ रोड पर भूमि की कीमतें 20 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच गई हैं। दिल्ली रोड पर भी भूमि की कीमतें करीब 25 हजार रुपये मीटर तक हैं।

कई वर्ष बाद बढ़े हैं सर्किल रेट-

जिले में वर्ष 2014 से कृषि भूमि का सर्किल रेट नहीं बढ़ा था। फिर भी कृषि भूमि की कीमतों में लगातार वृद्घि हो रही थी। इसकी वजह शहर के बाहर बसाई जा रही कॉलोनियां हैं। शहर में अब जरूरत के मुताबिक भूमि नहीं है। ऐसे में लोग शहर से बाहर भूमि खरीदकर मकान बना रहे हैं। जिसकी वजह से कृषि भूमि के दामों में वृद्धि हुई है। इसी माह प्रशासन ने सर्किल रेट में भी 25 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी कर दी।

पालिका के सीमा क्षेत्र के विस्तार की भी तैयारी-

शामली। निकाय चुनाव के बाद सीमा विस्तार की प्रक्रिया में तेजी आएगी। आसपास के कई गांव नगर पालिका की सीमा में शामिल हो जाएंगे। जिससे उन्हें नगर पालिका की ओर से कई तरह की सुविधाएं भी मिलेंगी। इसके लिए नक्शा जीआईएस (भौगोलिक सूचना तंत्र) के आधार पर तैयार किया जाएगा।

शामली नगरीय क्षेत्र के सर्किल गैर कृषि भूमि कार्यालय दुकान के रेट-

1- एमएसके रोड एसटी तिराहे से रेलवे फाटक तक 42000 90000 115000
2- शिव चौक से लेकर वर्मा मार्केट मोड़ तक 52000 90000 115000
3- वीवी इंटर कालेज से वर्मा मार्केट तक 52000 90000 115000
4- फव्वारा चौक से अजंता चौक तक 42000 82000 100000
5- हनुमान रोड से नगर पालिका गेट तक 38000 75000 85000
6-नगर पालिका गेट से लेकर रेलवे स्टेशन 28000 60000 70000
7- मिल गेट से बुढ़ाना रोड तक 38000 85000 110000
8- सुभाष चौक से रेलवे रोड 52000 95000 115000
9- बुढ़ाना रोड से रोडवेज बस अड्डा 42000 95000 115000
10- बनत बाईपास से लेकर सहारनपुर तिराहे तक 18000 28000 35000

आपत्तियां निस्तारित न होने से बोर्ड बैठक में नहीं हो पाई पास-

शामली महायोजना 2031 की आपत्तियों का सुनवाई के बाद साढे़ चार माह से ठंडे बस्ते में पड़ी है। टाऊन प्लानर के दौरे के बाद प्राधिकरण की ओर से आपत्तियों के निस्तारण के लिए समिति का गठन नहीं किया गया। इस वजह से महायोजना 2031 मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण की बोर्ड की बैठक में पारित नहीं हो पाई।

इस साल के शुरूआत में शामली जिले की महायोजना 2031 के प्रकाशन के बाद 315 आपत्तियां प्राप्त हुई थीं। 17 से लेकर 23 जून तक मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण की टीम आपत्तियों की सुनवाई कर चुकी है। सुनवाई के बाद प्राधिकरण के तत्कालीन सचिव महेंद्र प्रसाद का तबादला अपर आयुक्त मेरठ पद पर हो गया था। तब से महायोजना 2031 ठंडे बस्ते में है। महायोजना पर आई आपत्तियों की सुनवाई के लिए प्राधिकरण का कोई भी अफसर स्पष्ट रूप से कुछ बताने के लिए तैयार नहीं है।

प्राधिकरण के शामली कार्यालय प्रभारी राजीव त्यागी का कहना है कि महायोजना 2031 में आई आपत्तियों का निस्तारण प्राधिकरण के तत्कालीन सचिव ओर मौजूदा मेरठ मंडल के अपर आयुक्त महेंद्र प्रसाद को करना है। मेरठ मंडल के अपर आयुक्त महेंद्र प्रसाद का कहना है कि प्राधिकरण की ओर से महायोजना पर आपत्तियों के निस्तारित करने का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। प्राधिकरण की ओर से निर्देश प्राप्त होने पर वह आपत्तियों का निस्तारण कराएंगे।

आपत्तियों के निस्तारण के लिए प्राधिकरण के अफसरों से वार्ता करूंगी: डीएम

शामली महायोजना 2031 की आपत्तियों को निस्तारित करने के लिए वह प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और डीएम मुजफ्फरनगर, सचिव आदित्य प्रताप प्रजापति के साथ मेरठ मंडल के अपर आयुक्त महेंद्र सिंह से बात करके आपत्तियों की सुनवाई के लिए अनुरोध करुंगी, ताकि शामली महायोजना कार्य पूरा सकेंगे। प्राधिकरण बोर्ड बैठक में अनुमोदन के लिए जा सके। जसजीत कौर डीएम शामली।

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