UP में इन जिलों के बीच बसेगा चमक-धमक वाला नया शहर, जोड़े जाएंगे ये 80 गांव
Noida News : दादरी-सिकंदराबाद तहसील के 80 गांवों को गौतमबुद्ध नगर में नोएडा विकास प्राधिकरण में शामिल किया गया है। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना का निवेश क्षेत्र इन्हीं गांवों में बनाया जाएगा। भारत सरकार ने दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा को बहुत बड़ा लक्ष्य बनाया है। इस कार्यक्रम को भारत और जापान ने मिलकर शुरू किया है।
The Chopal : नोएडा अथॉरिटी की बोर्ड बैठक ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। सामने आया है कि नया नोएडा बुलंदशहर की ओर से ग्रेटर नोएडा की ओर बसाया जाएगा। इसके लिए दादरी-सिकंदराबाद तहसील के 80 गांवों को गौतमबुद्ध नगर में नोएडा विकास प्राधिकरण में शामिल किया गया है। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना का निवेश क्षेत्र इन्हीं गांवों में बनाया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण ने सभी आठ सौ गांव प्राप्त किए हैं।
नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया कि डीएमआईसीडीसी ने प्रस्ताव को नोएडा अथॉरिटी को भेजा था, जो उत्तर प्रदेश शासन को मंजूरी के लिए भेजा गया था, जिस पर राज्यपाल ने प्रस्ताव को मंजूर कर लिया। अब नोएडा प्राधिकरण में दादरी और बुलंदशहर की सिकंदराबाद तहसील के 80 गांव शामिल होंगे।
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दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर प्रोग्राम
भारत सरकार ने दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा को बहुत बड़ा लक्ष्य बनाया है। इस कार्यक्रम को भारत और जापान ने मिलकर शुरू किया है। यह दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के इंदौर सहित सात राज्यों से होकर गुजरेगा। करीब दस वर्ष पहले, बुलंदशहर के ये सभी गांव ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में शामिल हो गए। बुलंदशहर खुर्जा विकास प्राधिकरण को बाद में विभाजित कर दो अलग प्राधिकरण बनाए गए। इसके बाद ये गांव ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से निकालकर बुलंदशहर विकास प्राधिकरण और खुर्जा विकास प्राधिकरण में गए।
योजना में गौतमबुद्ध नगर से 20 और बुलंदशहर के 60 गांव शामिल
अब सरकार ने ये 80 गांवों को नोएडा को देने का आदेश दिया है. ये गांव बीडीए और केडीए से अलग होकर नोएडा अथॉरिटी में शामिल होंगे। नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु महेशेवरी ने कहा कि ये 80 गांव मिलने से राज्य में विकास की योजनाएं लागू की जाएंगी। गांव में 20 गौतमबुद्ध नगर और 60 बुलंदशहर के गांव हैं।
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आपको बता दें कि नोएडा ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को 5000 करोड़ रुपये का ऋण दिया है, जबकि यमुना प्राधिकरण को लगभग ढाई हजार करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। नोएडा प्राधिकरण ने इसके बदले में दोनों प्राधिकरणों से जमीन की मांग की, लेकिन वे जमीन नहीं दी। इसके बाद, ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर के 80 गांवों को राज्य सरकार ने नोएडा अथॉरिटी को सौंप दिया है, जिसके लिए गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया गया है।