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UP में जमीन अधिग्रहण करके इस जिले में बिछेगी नई रेल लाइन, चार हाल्ट स्टेशन बनेगें

UP News : उत्तर प्रदेश में नई रेल लाइन परियोजनाओं को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य के विकास और कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए रेल मंत्रालय ने इस योजना को मंजूरी देते हुए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है।

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UP में जमीन अधिग्रहण करके इस जिले में बिछेगी नई रेल लाइन, चार हाल्ट स्टेशन बनेगें 

Uttar Pradesh News : नई रेल लाइन योजना के लिए उत्तर प्रदेश में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस दौरान, रेल मंत्रालय ने इस योजना को करोड़ों रुपये का अनुमोदन दिया है। भूमि अधिग्रहण और मुआवजा देने की प्रक्रिया में जल्द ही सुधार होगा। आनंदनगर-महाराजगंज-घुघली नई रेल लाइन के लिए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में भूमि अधिग्रहण का कार्य लगातार तेज हो रहा है। रेल प्रशासन ने इस निर्माण कार्य के लिए 383 करोड़ रुपये की राशि शासन को दी है, लेकिन 70 हेक्टेयर से अधिक भूमि जल्द ही अधिग्रहण की जाएगी, जिसमें 160 हेक्टेयर की अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसमें वित्तीय वर्ष पूरा करने का लक्ष्य है।

नई रेल लाइन के निर्माण

इस दौरान, नई रेल लाइन की स्थापना से गोरखपुर शहर की रूट को गोंडा से आनंद नगर और महाराजगंज मार्ग होते हुए घुघंली तक 42 किलोमीटर छोड़ा गया है। 53 गांव लगभग 230 हेक्टेयर जमीन पर होंगे. 57.7 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के निर्माण के लिए अब 958.27 करोड़ रुपए की धनराशि की स्वीकृति मिल चुकी है। आप इस निर्माण को दो चरणों में पूरा करेंगे। जिसमें पहले चरण में घुंघली से महाराजगंज और दूसरे चरण में महाराजगंज से आनंदनगर रेलवे लाइन की बिक्री शुरू होगी।

भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण पर चर्चा

इस परियोजना में अब 26 पुल बनाने की योजना है। इसमें एक व्यापक पुल है। एक आरओबी, आठ छोटे पुल, 46 अंडरपास और सात स्टेशन भी बनाने की योजना है इस दौरान दो स्टेशन पुनः बनाए जाएंगे। एक पारगमन स्टेशन और चार हाल्ट स्टेशन बनाए जाएंगे। 2027 तक निर्माणाधीन रेलवे लाइन को पूरा करने का लक्ष्य है। रेलवे ने क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करते हुए निरंतर नए आयाम बनाए हैं। अब नहीं, रेल लाइन परियोजना के तहत आनंदनगर महाराजगंज घघुली में भूमि अधिग्रहण कार्य तेजी से चल रहा है इसमें कहा गया है कि रेल लाइन के निर्माण के दौरान महाराजगंज जिला मुख्यालय को रेल हेड से जोड़ा जाएगा. इसके अलावा, उत्तर से पूर्वोत्तर के राज्यों को जोड़ने के लिए वैकल्पिक मार्ग भी चुने जाएंगे। रेल मंत्रालय और राज्य सरकार की संयुक्त पहल से परियोजना को समय पर पूरा करने की संभावना है, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार और स्थानीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी।