UP के इस जिले में बनेगी टाउनशिप, 12 गांवों से 610 हेक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहण
New Township In UP : उत्तर प्रदेश के इस जिले में आवास विकास परिषद नई टाउनशिप विकसित करने जा रहा है। इस टाउनशिप का निर्माण 12 गावों की 610 हेक्टेयर जमीन पर किया जाएगा। इसके लिए करीबन 2000 खसरो की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। साथ ही इस परियोजना के अंतर्गत किसानों को उनकी जमीन का 25 फीसदी भाग वापस दिया जाएगा तथा छोटे किसानों को मुआवजा वितरण किया जाएगा।

Meerut-Hapur Road Development : उत्तर प्रदेश में मेरठ आवास विकास परिषद नई टाउनशिप का निर्माण करने जा रहा है। आवास विकास परिषद ने टाउनशिप के निर्माण को लेकर कार्य प्रणाली तेजी से शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक आपको बता दे की इस टाउनशिप का निर्माण बिजली बंबा बायपास पर 12 गावों की 610 हेक्टेयर जमीन पर किया जाएगा। जिसमें जमीन अधिग्रहण के दायरे में 2000 खरे शामिल किए जाएंगे। इसके लिए धारा 29 की कार्रवाई के अंतर्गत किसानों को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है।
नई टाउनशिप के लिए 750 करोड़ मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इस टाउनशिप का निर्माण हो जाने के बाद आसपास के इलाकों को काफ़ी मिलेगा। इलाके में लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे तथा शहर की आर्थिक विकास को पंख लगेंगे। इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद विकास परिषद जनता को अच्छे दामों में घर प्रदान करेगा।
12 गांवों की भूमि का अधिग्रहण
मीडिया वेबसाइट के मुताबिक 12 गांवों की 610 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। नरहाड़ा और जुर्रानपुर के किसानों की मांग है कि उनके इलाके में सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया है। अधिग्रहण के पहले भूमि का रेट बढ़ाया जाए। आपको बता दें, योजना के तहत सरकार ने भूमि अधिग्रहण की 28 के तहत 17 मई को गजट का प्रकाशन कर दिया है।
विकसित करने की योजना
बिजली बंबा बाईपास और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के बीच विकसित होने वाली योजना का नाम मेरठ-हापुड़ मार्ग विकास एवं गृहस्थान योजना रखा गया है। किसानों के फायदे के लिए इस योजना का विकास लैंड पूल के तहत किया जाना है। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि अगर 100 हेक्टेयर भूमि है तो उसका 50 प्रतिशत भाग सड़क, सीवर, पेयजल आपूर्ति, बिजली, पार्क आदि मूलभूत सुविधाओं के विकास में इस्तेमाल हो जाता है।
मुआवजा देकर खरीदी जाएगी जमीन
इसे आवास विकास परिषद अपने खर्चे पर निर्मित करेगा। इसके बाद जो 50 हेक्टेयर भाग बचेगा, उसमें 25 प्रति भूमि किसान की होगी और 25% पर आवास विकास परिषद का स्वामित्व होगा। अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार की माने तो अधिकांश किसान इस आधार पर भूमि देने को राजी हैं। वहीं, छोटे किसान को मुआवजा देकर जमीन खरीदी जाएगी।