UP में एक अनोखी सड़क, 4 देश और 8 राज्यों को आपस में जोड़ती है, जानिए इसके बारे में
Uttar Pradesh : देश का पहला हाईवे सैकड़ों वर्षों नहीं बल्कि सदियों पुराना है। ये राजमार्ग चंद्रगुप्त मौर्य के समय शुरू हुआ था और शेरशाह सूरी ने इसे विकसित किया था। इस राजमार्ग की एक विशेषता यह है कि ये दस राज्यों के साथ कई देशों से जुड़ता है।
उत्तर प्रदेश की खास सड़क
उत्तर प्रदेश कई मायनों में अद्वितीय है। यहां एक सड़क है जो चार देशों और आठ राज्यों को एशिया में जोड़ती है। ये सड़क उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में स्थित है। देश में कोलकाता से मैनपुरी तक चलने वाली एकमात्र मार्ग है। इतिहासकार कहते हैं कि यह मुगल सल्तनत या अंग्रेजी सरकार की बात थी। मैनपुरी हुक्मरानों के लिए हमेशा एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। मैनपुरी, जो गंगा और यमुना के बीच में है, इसलिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता था।
पूर्व से लेकर पश्चिम तक सड़क
इतिहासकारों ने बताया कि शेरशाह सूरी ने गुप्त काल में निर्मित उत्तरपथ पर ध्यान दिया और पूर्व से पश्चिम तक एक राजमार्ग बनाया। नेशनल हाईवे दिल्ली-कानपुर गंगा की ओर बनाया गया, जबकि शेरशाह सूरी मार्ग यमुना की ओर बनाया गया। यह मैनपुरी से गुजरने वाली एकमात्र सड़क है जो भारत के आठ राज्यों और चार एशियाई देशों को जोड़ती है।
कोलकाता से मैनपुरी होकर पेशावर तक का सफर
कोलकाता से मैनपुरी और पेशावर तक चलने वाली एकमात्र सड़क है जो भारत को सामरिक और व्यापारिक रूप से मध्य एशिया से जोड़ती है। यह मार्ग मिजोरम के चित्तागोंग से पूर्व में शुरू होकर पश्चिम में काबुल तक जाता है। इसमें बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान शामिल हैं।
ग्रांड ट्रंक रोड
इस सड़क का नाम ही ग्रांड ट्रंक रोड है। इस सड़क को मैनपुरी क्षेत्र में सिक्सलेन में बदला जा रहा है, जो 60 किलोमीटर लंबी है। आज भी मैनपुरी का एक बड़ा हिस्सा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे है। अब तक यह नाम मिले उत्तरपथ, सड़क ए अजम, शाह राह के अजम, बादशाही सड़क, लोंग वॉक, ग्रांड ट्रंक रोड, शेरशाह सूरी रोड, राष्ट्रीय राजमार्ग और 6 लेन रोड
यह सड़क पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा इन राज्यों को जोड़ती है। इस सड़क से भारत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश जुड़े हुए हैं
फैक्ट फाइल
322 ईसवी पूर्व में बनाई गई सड़क 2400 किमी लंबी है और चार देशों और आठ राज्यों को जोड़ती है। फारसी रॉयल रोड से प्रेरित होकर ये सड़कें बनाई गईं। महाभारत काल में इसका नाम उत्तरपथ था। राजा अशोक और शेरशाह सूरी ने भी सड़कें बनाईं। 16वीं शताब्दी में शेरशाह सूरी ने इस सड़क को चौड़ा और सुधार दिया। यह मार्ग मध्य एशिया से भारत को जोड़ता है।
सड़क सेना
राजा चंद्रगुप्त मौर्य ने इस सड़क को संभालने के लिए सड़क सेना की स्थापना की थी। हर डेढ़ किमी पर कुएं बनाए गए। इस सड़क पर सम्राट जहांगीर ने पुणे बनाया था। सड़क को पक्का करने का काम 1830 में अंग्रेजी सरकार के दौरान शुरू हुआ था।