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राजस्थान की इस मंडी में 25 साल बाद बिका जीरा, किसानों को मिला फायदा

Jeera Bhav Rajasthan : राजस्थान में सरकार द्वारा 25 वर्ष पहले इस कृषि उपज मंडी का उद्घाटन किया गया था। हालांकि पिछले वर्ष तक इस मंडी में केवल सब्जियों का ही व्यापार हुआ था। पिछले 25 वर्ष में मंडी में फसलों की जींस की खरीद बेच नहीं हुई थी। परंतु इस साल मंडी में 500 क्विंटल जीरा बेचा गया है...

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राजस्थान की इस मंडी में 25 साल बाद बिका जीरा, किसानों को मिला फायदा

Rajasthan Jaisalmer Mandi News : राजस्थान के जैसलमेर में सरकार द्वारा सन 2000 में कृषि उपज मंडी का शिलान्यास किया गया था। परंतु पिछले वर्ष तक इस मंडी में केवल सब्जियों की खरीद बेच हुई है। पिछले 25 वर्षों में इस मंडी में अनाज की खरीद बेच नहीं हुई है। सरकार ने जैसलमेर में जीरा मंडी खोलने की घोषणा की ताकि यहां के किसानों को जीरा बेचने के लिए बाहरी राज्य में नहीं जाना पड़े।

दरअसल इस वर्ष मंडी में जीरा के साथ-साथ इसबगोल और सरसों की भी खरीद शुरू की गई है। हालांकि व्यापारी नहीं मिलने की वजह से इस वर्ष मंडी में किसानों का केवल 500 क्विंटल जीरा ही बेचा गया है। अनुमान के अनुसार जैसलमेर जिले में जीरे का उत्पादन करीबन 25 लाख क्विंटल है।

इस साल जीरे के भाव नहीं मिलने से किसानों ने अपना जीरा जीरा मंडी के बाहर ही बेच दिया। इसके अलावा भी अगर बात करें तो जैसलमेर की जीरा मंडी को लेकर व्यापारियों ने भी उत्साह नहीं दिखाया। जिसके कारण जैसलमेर में जीरे की फसल का खरीदा नहीं गया। इस साल जीरे के भावों में भी बढ़ोतरी नहीं होने से किसानों द्वारा स्थानीय स्तर पर ही जीरे का बेचान कर दिया गया। जिससे जीरा मंडी में जीरे की फसल ही नहीं पहुंची। 

जैसलमेर में कृषि उपज मंडी को बने करीब 25 साल का समय हो चुका है। लेकिन इससे पहले मंडी में सिर्फ सब्जियों बेची जाती थी। जिसमें भी बाहर से सब्जी जैसलमेर पहुंचती थी। जिसके बाद यहां से व्यापारी सब्जियां बेचते थे। जिससे सुबह के समय कृषि उपज मंडी में सब्जियों को लेकर भीड़ उमड़ती थी। इस साल जीरा मंडी शुरु करने के साथ ही स्थानीय व बाहरी व्यापारियों को भी जीरा मंडी में फसल खरीद को लेकर प्रोत्साहित किया गया। इस साल जीरे की खरीद फरोख्त जरूर कम हुई है।

लेकिन यहां व्यापारियों को भंडारण की सुविधा नहीं मिलने को लेकर 20 दुकानों की जमीन आवंटित करने को लेकर प्रस्ताव भेज दिया है। उम्मीद है आगामी साल में किसानों को फसल बेचने के लिए जैसलमेर से बाहर नहीं जाना होगा। - रामप्रताप, सचिव, कृषि उपज मंडी जैसलमेर में कृषि उपज मंडी को लेकर किसानों व व्यापारियों में शुरू से ही उत्साह नहीं है। इस साल जीरा मंडी शुरू होने कुछ किसानों में बढ़िया भाव मिलने के साथ ही दूसरे राज्य जाने की मशक्कत नहीं करने की उम्मीद जगी थी। लेकिन जैसलमेर में जीरे की खरीद को लेकर व्यापारियों व किसानों में अलग लेनदेन है। 

जैसलमेर में किसान फसलों की बुआई से लेकर उसकी सिंचाई के साथ ही खेत में जरूरत के अनुसार बीज, यूरिया व अन्य सामान व्यापारियों से ही खरीद करते है। जिसमें व्यापारी किसानों से उधार करते हैं। इसमें यही शर्त होती है कि इन खरीदी गई वस्तुओं की कीमत फसल उसी व्यापारी को बेचने पर दी जाएगी। जैसलमेर में जीरे की उपज सर्वाधिक है। जैसलमेर में जीरे की पैदावार करीब 30 लाख क्विंटल है। ऐसे में इस साल सिर्फ 500 क्विंटल जीरा ही मंडी में खरीद के लिए पहुंचा है। ऐसे में जीरा मंडी में किसानों की पहुंच का अंदाजा लगाया जा सकता है। जीरा मंडी में बाहरी व्यापारियों ने भी रजिस्ट्रेशन करवाया था। लेकिन इस साल जीरे के भाव नहीं बढ़ने से किसानों ने जीरे को सीधे ही व्यापारियों को ही बेच दिया।
 

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