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UP में 5 साल बाद इस जिले के लोगों की हुई मौज, नई रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण शुरु

UP News : उत्तर देश की श्रावस्ती जिले में आवागमन कनेक्टिविटी ना के बराबर है। उत्तर प्रदेश की इस 240 किलोमीटर लंबी रेल लाइन केंद्र सरकार की तरफ से साल 2018 में मंजूरी मिली थी। इस रेलवे ट्रैक के लिए 4940 करोड रुपए की धनराशि मंजूर की गई। अब 5 साल बाद जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होने के बाद जिलेवासियों के चेहरे पर खुशी नजर आई है। 

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UP में 5 साल बाद इस जिले के लोगों की हुई मौज, नई रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण शुरु

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में बहराइच से खलीलाबाद वाया श्रावस्ती 240 किलोमीटर लंबी रेल लाइन को लंबे धरना प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी मिली थी। इस प्रोजेक्ट में देरी में से इलाके के लोग मायूस थे। जमीन उपलब्ध होने के बावजूद भी डिपो की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई थी। लेकिन अब 5 साल बाद रेलवे ट्रैक बिछाने प्रक्रिया में तेजी आई है। खलीलाबाद वाया श्रावस्ती 240 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के लिए  5 साल बाद जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होने के बाद जिलेवासियों के चेहरे पर खुशी नजर आई है। 

पूर्वांचल के सैकड़ो गांव की तकरीर बदलेगी  

उत्तर प्रदेश का श्रावस्ती जिला देश ऐसा पहला जिला है, जहां पर अब तक कोई रेलवे लाइन नहीं है। इसके अलावा जिले में कोई परिवहन निगम डिपो की मौजूद नहीं है। लेकिन बता दे की श्रावस्ती जिले में एयरपोर्ट की सुविधा मौजूद है। इस एयरपोर्ट से हफ्ते में 2 दिन राजधानी लखनऊ के लिए हवाई सेवाएं प्रदान की जाती है। 240 किलोमीटर रेलवे लाइन के बिछाने के बाद श्रावस्ती जिले को रेल लाइन की बड़ी सौगात मिल जाएगी। जिले की जनता को बेहतर यातायात कनेक्टिविटी के साथ–साथ रेलवे के बेहतरीन सफर का आनंद ले सकेंगे। इस रेलवे ट्रैक से पूर्वांचल के सैकड़ो गांव की तकरीर बदलने वाली है। 

4940 करोड रुपए का बजट भी मंजूर 

इस योजना को मंजूर हुए पांच साल के बाद जिलेवासियों के लिए राहत की खबर सामने आई हैं।  प्रदेश के श्रावस्ती जिले की 66 किलोमीटर की खुली नेपाल सीमा राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अति संवेदनशील मुद्दा है। यूपी का स्वास्थ्य बस्ती जिला भी रेल कनेक्टिविटी जुड़ सके इसको लेकर पंकज मिश्रा ने श्रावस्ती को रेल से जोड़ो संघर्ष समिति गठन किया गया। देश की राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर पर जिलावासियों के साथ पंकज मिश्रा ने करना प्रदर्शन किया।

इस धरना प्रदर्शन के चलते केंद्र सरकार की तरफ से बहराइच से खलीलाबाद वाया भिनगा, इकौना, श्रावस्ती, बलरामपुर, उतरौला, डुमरियागंज में 240 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक को स्वीकृति मिली। साल 2018 में इसका सर्वे पूरा करवा कर 4940 करोड रुपए का बजट भी मंजूर किया गया। बता दे की तत्कालीन रेलवे मंत्री पीयूष गोयल व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा की तरफ से इस परियोजना का सिंहासन मार्च 2019 में किया गया। 

जमीन खरीदना शुरू हुआ 

240 किलोमीटर लंबी रेलवे ट्रैक के बाद इलाके में यातायात आसान होने के साथ-साथ रोजगार और जमीनों की कीमतों में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इस योजना को 2024-25 तक पूरा होना था, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। संघर्ष समिति के संयोजक पंकज मिश्रा ने दिसंबर 2023 में काम शुरू करने की मांग को लेकर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर दूसरी बार सत्याग्रह किया। इससे उत्तरी रेलवे ने जमीन खरीदना शुरू किया। साथ ही, श्रावस्ती को रेल से जोड़ो संघर्ष समिति के संस्थापक और संयोजक पंकज देव मिश्रा ने कहा कि संघर्ष समिति ने पूरी कोशिश की है कि जिले में एक नई रेल लाइन बनाई जाए। जोड़ो संघर्ष समिति की कड़ी मेहनत रंग लाई हैं।