UP में 75 साल बाद इस गांव में अब जाकर पहुंची बिजली, बल्ब जला देख ग्रामीण बोले...

पिछड़े समाज को पहचान दिलाने के लिए योगी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। यूपी में एक ऐसा गांव है जहां 75 साल से बिजली को कोई व्यवस्था नहीं थी। लेकिन योगी सरकार की कड़ी महेनत के बाद अब इस गांव में बिजली पहुंचाई गई है। पहली बार बल्ब को जलता देगा गांव के लोगों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।
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 After 75 years, electricity has now reached Vantangiya village of Gonda in UP

UP : उत्तर प्रदेश के पिछड़े और अति पिछड़े समाज को पहचान दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहिम को बड़ी उपलब्धि प्राप्त हुई है. देश की आजादी के अमृत काल में अब राज्य के गोण्डा जनपद के जंगलों में बसने वाले वनटांगिया समुदाय का जीवन भी रोशन हो उठा है. सीएम योगी की मंशा के अनुरूप गोण्डा जिला प्रशासन की पहल पर रामगढ़ वनटांगिया गांव तक बिजली पहुंच पाई है. आजादी के करीब 75 वर्षों बाद अब उनके गांव की ओर जाने वाले रास्ते भी दूधिया रोशनी से जगमगा उठे हैं।

अप्रोच सड़क से गांव तक रोशन हुआ मार्ग

गोण्डा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा वन विभाग अप्रोच सड़क से रामगढ़ वनटांगिया गांव तक के मार्ग को रोशन किया गया. गोण्डा की हरदवा ग्राम पंचायत में रामगढ़ वनटांगिया गांव है. आजादी के करीब 75 वर्ष बाद भी यह गांव विकास की मुख्यधारा से कटा हुआ था।

समाज के पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों का विकास योगी सरकार की प्राथमिकता रही है. सीएम की मंशा के अनुरूप जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बीती 12 जून को जनपद की कमान संभालने के साथ ही वनटांगिया समुदाय को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी. उन्होंने स्वयं 16 जून को रामगढ़ वनटांगिया गांव का निरीक्षण किया और विकास की रणनीति तैयार की।

एक ओर जहां, वनटांगिया समुदाय के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए गांवों में दो सरकारी स्कूल स्थापित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है तो वहीं, गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने की पहल की गई।

अब गांव को रोशन भी किया जा रहा है. इसका काम मंगलवार को शुरू किया गया. जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर समुदाय तक पहुंचाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है. जिला प्रशासन इसके लिए प्रतिबद्ध है।

पहली बार गांव तक पहुंची बिजली, खिले चेहरे

जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान ग्राम वासियों की ओर से बिजली न होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी. इसको प्राथमिकता से लिया गया. मंगलवार को गांव के मुख्य मार्ग पर खंभे और लाइट लगाने का काम शुरू भी कर दिया गया. पहली बार गांव में दुधिया रोशनी देख गांव वालों के चेहरे खिल उठे. बच्चे हो या बुजुर्ग सभी के चेहरों पर एक अलग सी खुशी देखने को मिली।

बुजुर्ग महिला फूलादेवी (52 वर्ष) ने कहा, पहले अंधेरा रहता था. शाम के समय आना जाना संभव ही नहीं था, क्योंकि अंधेरे में जानवरों द्वारा हमले का डर रहता था. कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह का बदलाव देखने को मिलेगा. हमें तो सब सुविधा हो गई. इस गांव की बेटी ममता (16 वर्ष) कहती हैं कि अब अंधेरे से निजात मिल जाएगी।

गांव के संतराम (40 वर्ष) बताते हैं कि कुलदेवी का मंदिर है. नवरात्री में यहां पूजा होती है. हर साल 20 हजार रुपए सिर्फ रोशनी के लिए जनरेटर पर खर्च होते थे, लेकिन अब यह नहीं करने होंगे. वह कहते हैं कि इतने वर्षों के बाद पहली बार किसी ने उनपर ध्यान दिया है।

सड़क निर्माण कार्य भी अन्तिम चरण में

रामगढ़ वनटांगिया गांव को वन विभाग अप्रोच रोड से जोड़ने के लिए मार्ग निर्माण की जिम्मेदारी खण्ड विकास अधिकारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह संभाल रहे हैं. उन्होंने बताया कि सड़क का निर्माण कार्य भी अन्तिम चरण में पहुंच गया है. इंटरलॉकिंग की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. अगस्त माह के अन्त तक इस क्षेत्र में आवागमन सुलभ हो जाएगा।

सीएम योगी ने वनटांगिया समुदाय को दिलाई पहचान

पूर्वांचल के वनटांगिया समुदाय का इतिहास पुराना है. इन्हें अंग्रेजों ने जंगलों में बसाया था. आजादी के 70 दशक बाद भी इनका वजूद राजस्व अभिलेखों में न होने की वजह से यह समाज और विकास की मुख्यधारा से कटे हुए थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मई 2018 में गोण्डा के वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित कर मुख्यधारा से जोड़ा।

इससे वन क्षेत्रों में बसे इन वन ग्रामों के निवासियों को सड़क, राशन, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मूलभूत सुविधाओं से लाभान्वित करने की प्रक्रिया शुरू हो सकी. जलौनी लकड़ी काटकर और बेचकर पेट पालने वाले वनटंगिया के परिवार को आजादी के बाद पहली बार वोट करने का हक मिला।

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