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Alcohol Rule : कितनी मात्रा में शराब पीकर चला सकते हैं गाड़ी, जाने क्या कहता हैं नियम

Alcohol Rule : आपको बता दें कि भारत सहित विश्व के कई देशों में शराब पीकर गाड़ी चलाना गैरकानूनी है, लेकिन यहां शराब नहीं है। इसलिए ड्रंक एंड ड्राइव केस हर साल बढ़ते हैं। ऐसे में अब सवाल उठता है कि आखिर कार चलाने के लिए कितनी शराब की अनुमति है? तो चलिए इससे जुड़े आवश्यक नियमों को नीचे पढ़ें। 

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Alcohol Rule: How much alcohol can you drink and drive, know what the rules say

The Chopal : शराब हमारे स्वास्थ्य और जीवन के कई हिस्सों पर घातक है। मसलन, शरब पीकर गाड़ी चलाना, जिससे चालान हो सकता है भारत सहित विश्व के कई देशों में शराब पीकर गाड़ी चलाना वर्जित है, लेकिन यहां शराब पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इसलिए ड्रंक एंड ड्राइव केस हर साल बढ़ते हैं। बात सिर्फ पीने और चलाने की नहीं, बल्कि इसके कारण होने वाले दुर्घटनाओं की भी है। भारत में सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण शराब पीकर गाड़ी चलाना है।

बहुत से लोगों का मानना है कि वह शराब पीने के बाद गाड़ी चलाकर पुलिस को चकमा देगा। ऐसा सोचना उन्हें परेशान कर सकता है। तकनीक ने पुलिस को बहुत आगे बढ़ाया है। भारत के हर शहर में, चाहे बड़ा हो या छोटा, ट्रैफिक पुलिस ड्रिंक एंड ड्राइव मामले में एक विशिष्ट मशीन (ब्रेथलाइजर) का उपयोग होता है. इस मशीन से आसानी से पता लगाया जा सकता है कि कौन सा व्यक्ति शराब पीकर गाड़ी चला रहा है और कौन सा नहीं। खास बात यह है कि इस मशीन से व्यक्ति की पूरी मात्रा में शराब की जानकारी मिलती है।

यानी एक निश्चित मात्रा में अगर आप शराब पीकर गाड़ी चलाएंगे, तो दिक्कतों का सामना नहीं पड़ेगा, लेकिन जैसी ही यह सीमा पार हुई आपको भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ जाएगा। कई बार लोगों को लगता है कि आखिरकार पुलिस प्रशासन को इससे क्या समस्या हो सकती है। क्योंकि शराब पीकर गाड़ी हम चलाएंगे तो नुकसान हमें होगा। पर ये सोचना गलत है, जब आप शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं, तो सिर्फ अपनी ही जान नहीं बल्कि अपने साथ कई लोगों की जान दांव पर लगाते हैं। 

दुनियाभर में शराब पीकर होने वाले सड़क हादसों पर नजर डालने पर पता चलता है कि इसकी संख्या सबसे ज्यादा भारत में हैं। आंकड़ों के अनुसार प्रति वर्ष करीब 1.34 लाख लोगों के हुए सड़क हादसों में 70 प्रतिशत मौतें सिर्फ शराब पीकर गाड़ी चलाने चलाने से होती है।

कानून में कितनी मात्रा में पीकर चलाई जा सकती है गाड़ी-

भारत में प्रति वर्ष होने वाले सड़क हादसों पर नजर डालने के बाद तो सिर्फ यही कहा जा सकता है कि किसी भी हालत में शराब पीकर गाड़ी नहीं चलानी चाहिए। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, कोई शख्स शराब पीकर गाड़ी चला रहा है या नहीं इसका पता ब्रेथलाइजर की मदद से बल्क एल्कोहल कंटेंट (BAC) के जरिए किया जाता है।

यदि ड्राइवर के ब्लड में एल्कोहल कंटेंट की मात्रा 100 ml में 0.03 प्रतिशत यानी की 30 mg होती है तो यह सेफ है। यदि ड्राइवर इससे ज्यादा मात्रा में शराब पीकर गाड़ी चला रहा है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। ब्लड स्ट्रीम में एल्कोहल दो चीजों से प्रभावित होता है। एक व्यक्ति का वजह और दूसरा शरीर में हाइड्रेशन या वाटर कंटेट की मात्रा।

आमतौर पर रेग्युलर बीयर (300 ml या एक पाइंट) में 4 फीसदी एल्कोहल रहता है या टोटल 13.2 ml एल्कोहल होता है। वहीं, रेगुलर व्हीस्की (30 ml) में 43 फीसदी एल्कोहल या 12.9 ml एल्कोहल होता है। इसके अलावा, रेगुलर वाइन (100 ml) में 12 फीसदी या 12 ml एल्कोहल होता है।

ड्रिंक एंड ड्राइव केस में फंसे तो होगी ये सजा-

भारत में कोई भी शख्स ड्रिंक एंड ड्राइव के केस में फंसता है तो उस पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 लगाई जाती है। इसमें लिखा है कि आपने मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 का उल्लंघन किया है जिसके चलते आपका वाहन मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 207 के तहत जब्त किया जाता है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा गाड़ी को जब्त किए जाने के बाद ड्राइवर को सभी दस्तावेजों को माननीय सी।जे।एम। कोर्ट में पेश करना होता है। इसमें छह माह तक की जेल या 2,000 रुपए का जुर्माना या दोनों शामिल है.

शराब पीने के कितनी देर बाद करें ड्राइव-

हाल में वर्जिनिया टेक यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि बीयर की दो पाइंट बोतल में 600 एमएल, लार्ज व्हीस्की में 60 एमएल और वाइन के दो ग्लास में 200 एमएल लेने से बल्ड एल्कोहल कंटेंट का हिस्सा बनता है। इस रिसर्च के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि 9.5 एमएल का एल्कोहल उतरने में 1 घंटे का वक्त लगता है। 

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