The Chopal

गाजियाबाद की ये तमाम टूटी सड़कें देख रही मरम्मत की राह, एक जीटी रोड बनाने के लिए अड़े दो विभाग

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर की कई सड़कें काफी समय से टूटी हुई हैं और शिकायत के बाद भी संबंधित विभाग और अफसर इन पर ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन यहां के जीटी रोड के मामले में स्थिति उलट है। आपसी तालमेल की कमी की वजह से यहां दो अलग-अलग विभाग में एक ही सड़क को बनाने की होड़ लगी है।
   Follow Us On   follow Us on
गाजियाबाद की ये तमाम टूटी सड़कें देख रही मरम्मत की राह, एक जीटी रोड बनाने के लिए अड़े दो विभाग

The Chopal : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर की कई सड़कें काफी समय से टूटी हुई हैं और शिकायत के बाद भी संबंधित विभाग और अफसर इन पर ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन यहां के जीटी रोड के मामले में स्थिति उलट है। आपसी तालमेल की कमी की वजह से यहां दो अलग-अलग विभाग में एक ही सड़क को बनाने की होड़ लगी है। एक तरफ नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की तरफ से इस सड़क को लालकुआं से लेकर दिलशाद गार्डन बॉर्डर तक री-डिवेलपमेंट करवाने के लिए 400 करोड़ रुपये का टेंडर कर दिया गया है। टेंडर होने के बाद ही पीडब्ल्यूडी ने इस सड़क के कुछ हिस्से का निर्माण कार्य 4 करोड़ रुपये से शुरू करवा दिया है, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि जब एनएचएआई ने टेंडर करवा दिया था तो अफरातफरी में पीडब्ल्यूडी को सड़क के निर्माण की क्या जरूरत पड़ गई है।

को-ऑर्डिनेशन की है जबरदस्त कमी

एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी के बीच जबरदस्त को-ऑर्डिनेशन की कमी है। क्योंकि दोनों विभाग के अधिकारी एक दूसरे पर केवल आरोप प्रत्यारोप ही लगा रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर रामराजा का कहना है कि जीटी रोड के टेंडर होने की जानकारी बिल्कुल नहीं थी। यदि जानकारी होती तो हम सड़क का निर्माण कार्य क्यों करवाते। वहीं एनएचएआई के प्रॉजेक्ट डायरेक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि पीडब्ल्यूडी को इस सड़क पर किसी भी प्रकार के नए यूटिलिटी नहीं डालने के लिए पीडब्ल्यूडी के पास पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी काम शुरू करवाया गया है तो इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है।

कंक्रीट की सड़क से कैसे होगी मैचिंग

अधिकारियों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी जीटी रोड के कुछ हिस्से में कंक्रीट की सड़क का निर्माण कर रहा है। वहीं, एनएचएआई ने यहां बिटुमिनस की सड़क बनाने की प्लानिंग की है। ऐसे में इस एरिया की सड़क की एनएचएआई की सड़क के साथ कैसे मैचिंग होगी, ये बड़ा सवाल है। एनएचएआई के एक अधिकारी का कहना है कि दोनों के स्पेशिफिकेशन में भी अंतर हो सकता है। अब पीडब्ल्यूडी ने कितने साल के लिए सड़क का निर्माण किया है। कितने ट्रैफिक क्षमता को सहन करने के लिए बनाया गया है। इसकी वजह से भी दिक्कत आ सकती है।

दिल्ली-सहारनपुर हाइवे बनने का इंतजार

दिल्ली-सहारनपुर हाइवे की हालात काफी समय से खराब है। यहां पर भी एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी के बीच बनाए जाने को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है। लेकिन अभी तक इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। अभी भी टूटी हुई सड़क को लोग गुजरने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इस प्रकरण को लेकर दोनों विभाग के अधिकारी अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए हैं, लेकिन जीटी रोड को दोनों विभाग बनाने के लिए तत्पर है।

जाम में फंस रहा है ट्रैफिक

अभी पीडब्ल्यूडी ने सड़क का निर्माण करवाना शुरू किया है तो ट्रैफिक जाम में फंस रहा है। भविष्य में जब एनएचएआई की तरफ से सड़क का निर्माण करवाया जाएगा। तो फिर एक बार ट्रैफिक को जाम को झेलना पड़ेगा। इस को-ऑर्डिनेशन की कमी की वजह से पब्लिक को दो बार दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।

ये पढ़ें - Noida : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा औद्योगिक भूखंडों को लेकर योजना शुरू, प्लॉट खरीदने का बड़ा मौका