देश में बन रहा ऐसा एक्सप्रेसवे, जिसमें एफिल टावर से इतना ज्यादा स्टील, बुर्ज खलीफा से ज्यादा सीमेंट
National Highways-NH :भारतीय परिवहन प्रणाली (Indian Transport System) में राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways-NH) और एक्सप्रेसवे (Expressways) का विस्तार एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से देश के दूर-दराज के इलाकों को भी मुख्य शहरों और राज्यों से जोड़ने की योजना है, जिससे आवागमन (Transportation) सुगम बन सके।
The Chopal, National Highways-NH : देश के विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway-NH) विस्तार किया जा रहा है. पहले से निर्मित एनएच को दुरुस्त करने के साथ ही लेन बढ़ाए जा रहे हैं. साथ ही देश के नए क्षेत्रों में NH का विस्तार भी किया जा रहा है, ताकि दूर-दराज के इलाके भी बाकी हिस्सों से जुड़ सकें और आवागमन सुगम हो सके. NH के साथ ही एक्सप्रेसवे (Expressway) भी बनाए जा रहे हैं. नेशनल हाइवे के साथ ही एक्सप्रेसवे का भी काफी तेजी से विस्तार किया जा रहा है. खासकर दिल्ली-एनसीआर और आसपास के प्रदेशों एवं प्रमुख शहरों को एक्सप्रेसवे से जोड़ने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है. इसमें लाखों करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है. सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक वीडियो शेयर कर द्वारका एक्सप्रेसवे के बारे में विस्तार से बताया है. उन्होंने दिल्ली को गुरुग्राम से जोड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे को लेकर कुछ दिलचस्प तथ्य भी बताए हैं.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने X पर एक वीडियो शेयर कर द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) के बारे में विस्तृत जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में एफिल टावर से 30 गुना ज्यादा स्टील का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने आगे बताया कि खेड़की दौला टोल प्लाजा को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे में बुर्ज खलीफा से 6 गुना ज्यादा सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है. इन आंकड़ों के बारे में जानकर इस चमचमाते एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. नितिन गडकरी की ओर से जारी वीडियो के अुनसार, द्वारका एक्सप्रेसवे में 2 लाख मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है. यह आंकड़ा विश्व प्रसिद्ध एफिल टावर में इस्तेमाल स्टील से 30 गुना ज्यादा है.
बुर्ज खलीफा छूटा पीछे
नितिन गडकरी ने वीडियो के जरिये बताया कि द्वारका एक्सप्रेसवे में दुबई के मशहूर बुर्ज खलीफा से तकरीबन 6 गुना ज्यादा सीमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है. सीमेंट के इस्तेमाल की मात्रा को देखते हुए एक्सप्रेसवे की मजबूती का अंदाजा लगाया जा सकता है. बता दें कि एक्सप्रेसवे के निर्माण का प्रमुख उद्देश्य आवागमन की रफ्तार बढ़ाने के साथ ही सड़क मार्ग से माल ढुलाई को सुगम बनाना है. प्रमुख व्यावसायिक शहरों को जोड़ने से एक तरफ कमर्शियल गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ लोग पहले के मुकाबले जल्दी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे. बता दें कि केंद्र सरकार एक्सप्रेसवे के निर्माण पर लाखों करोड़ का निवेश कर रही है.
एक्सप्रेसवे का जाल
सरकार देशभर में एक्सप्रेसवे का जाल बिछाने के लिए लगातार कार्यरत है. दिल्ली और आसपास के इलाकों के साथ ही अन्य प्रदेशों में भी एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य चल रहा है या फिर एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी गई है. वाराणसी को कोलकाता से जोड़ने के लिए एक्सप्रेसवे के निर्माण को हरी झंडी दे दी गई है. यह एक्सप्रेसवे बिहार की राजधानी पटना को भी कनेक्ट करेगा. इसके अलावा दिल्ली-मुंबई और अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य भी जारी है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का काफी हिस्सा बनकर तैयार हो चुका है, जिसे आवागमन के लिए खोला जा चुका है. बता दें कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा हाईस्पीड रोड नेटवर्क है.
ये पढ़ें - Railway News: रेलवे स्टेशनों पर आना जाना होगा आसान, डिजिटल लेन-देन से जनरल टिकट QR कोड से मिलेगी