UP के अलावा इन राज्यों से होकर गुजरेगा 519 किलोमीटर के हाई स्पीड कॉरिडोर, DPR हुई तैयार
UP News : उत्तर प्रदेश, बिहार, और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जो इन तीन राज्यों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी। यह एक्सप्रेसवे क्षेत्रीय विकास को गति देने के साथ-साथ व्यापार, परिवहन और पर्यटन के नए अवसर भी खोलेगा।
Uttar Pradesh News : हाई-स्पीड कॉरिडोर का निर्माण 32,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा। यह परियोजना क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर परिवहन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम है। इसके तहत न केवल यात्रा को तेज और सुरक्षित बनाया जाएगा, बल्कि आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 519 किलोमीटर लंबे हाई स्पीड कॉरिडोर को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। 32,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला कॉरिडोर बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को जोड़ेगा, जिससे व्यापार बढ़ेगा और आवागमन आसान होगा। इसके निर्माण की डीपीआर सौंप दी गई है।
519 किलोमीटर में बनने वाले हाई स्पीड कॉरिडोर
उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाले गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस बनकर तैयार होने वाला हैं । इस सुपर स्पीड कॉरिडोर का निर्माण कार्य डीपीआर के माध्यम से किया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा के तारांकित प्रश्न पर यह जानकारी दी। संजय झा ने कहा कि गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे बिहार में गेम चेंजर परियोजना साबित होगी। इससे व्यापार बढ़ेगा और उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में जाना-आना आसान होगा। 519 किलोमीटर में बनने वाले हाई स्पीड कॉरिडोर का प्रस्ताव एनएचएआइ ने साल 2021 में रखा था। इसके साथ ही इसके सर्वे की जिम्मेदारी एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल को दी गई थी। अब कॉरिडोर के निर्माण के लिए डीपीआर सौंप दिया गया है।
तीन राज्यों को मिलेगा बडा फायदा
भारत माला परियोजना गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे का निर्माण करेगी जो उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को जोड़ेगी। इसके निर्माण पर अनुमानित 32,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह भी 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। 519 किलोमीटर का हाई स्पीड कॉरिडोर बिहार में 416.2 किमी, उत्तर प्रदेश में 84.3 किमी और पश्चिम बंगाल में 18.97 किमी का होगा। बिहार के आठ जिलों से गुजरेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यसभा सांसद संजय कुमार को दी गई सूचना में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण निरंतर चलता रहता है। उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से मंत्रालय को राष्ट्रीय राजमार्गों की उन्नयन व विकास के लिए प्रस्ताव प्राप्त होते रहते हैं।
PM गति शक्ति को राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ संतुलित करें
गोरखपुर-सिलीगुड़ी हाई स्पीड कारिडोर का डीपीआर प्रस्तावित किया गया है और फिलहाल प्रगति पर है। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे, जो उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को बिहार से जोड़ता है, एक गेम चेंजर परियोजना है। बिहार में यह विभिन्न जिलों (पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, फारबिसगंज, किशनगंज) से होकर गुजरेगा। यह बिहार से यात्रा को आसान बनाएगा और व्यापार के नए रास्ते भी खुलेंगे। इस राजमार्ग का पूरा हिस्सा ग्रीनफील्ड होगा।