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दिल्ली में किराए के मकान में रहने वाले हो जाएं सावधान, वरना बाद में होगी बड़ी मुश्किल

Delhi - अगर आप भी दिल्ली में किराये का घर ढूंढ रहे हैं तो आपको बेहद सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल आसानी से घर ढूंढ लेने के लालच में कहीं ऐसा ना हो जाए कि आप साइबर ठगी का शिकार हो जाएं। बता दें कि दिल्ली में इन दिनों एक नए किस्म का साइबर फ्रॉड देखने को मिल रहा है।

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दिल्ली में किराए के मकान में रहने वाले हो जाएं सावधान, वरना बाद में होगी बड़ी मुश्किल

The Chopal : किसी दूसरे राज्य से दिल्ली आकर पढ़ाई या नौकरी करने आए हैं और यहां रहने के लिए किराये का घर ढूंढ रहे हैं तो आपको बेहद सावधान रहने की जरूरत है। आसानी से घर ढूंढ लेने के लालच में कहीं ऐसा ना हो कि आप साइबर ठगी का शिकार हो जाएं। दरअसल दिल्ली में इन दिनों एक नए किस्म का साइबर फ्रॉड देखने को मिल रहा है। इसमें साइबर ठग किराये पर फ्लैट दिलवाने का झांसा देकर लोगों को ठग रहे हैं।

हाल ही में सेंट्रल दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में दो लड़कियों को इसी तरह ठगने का मामला सामने आया है। साइबर ठग ने उन्हें वॉट्सऐप पर फ्लैट का विडियो भेजा और अडवांस बुकिंग के नाम पर हजारों रुपये ले लिए। बाद में वह उनकी कॉल को नजरअंदाज करने लगा। कोई जवाब ने मिलने पर लड़कियों ने पुलिस में शिकायत की।

पुलिस सूत्र ने बताया, मार्च और अप्रैल के महीने में ही नैशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर एक के बाद एक 8 लड़के-लड़कियों ने साइबर ठगी की शिकायत दर्ज करवाई थी। कोई यहां पढ़ाई करने के लिए आया था तो कोई नौकरी करने। सभी राजेंद्र नगर में किराये का घर ढूंढ रहे थे। अब तक हुई जांच से साफ कि यह एक ही आरोपी या गैंग का काम है क्योंकि सभी पीड़ित टेलीग्राम पर किराये का घर ढूंढ रहे थे।

ठगी का यह मामला भी चौंका रहा है-

दिल्ली में रहने वाले शख्स ने अपने बीमार पिता के कहने पर उनके लिए पतंजलि योगा धाम सेंटर में ऑनलाइन बुकिंग की। एडवांस बुकिंग के लिए हजारों रुपये भी उन्हें दे दिए। मगर जब उनके पिता पतंजलि के रिसेप्शन पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनकी यहां कोई बुकिंग नहीं है। आपके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई। जिस पर साउथ डिस्ट्रिक्ट की साइबर पुलिस ने धोखाधड़ी समेत संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। 45 वर्षीय पीड़ित साकेत कोर्ट रेजिडेंशल कॉम्पलेक्स में रहते हैं। उनके पिता बीमार रहते हैं।

इसलिए पिता ने बेटे से कहा कि वह हरिद्वार स्थित पतंजलि योगा धाम सेंटर जाना चाहते हैं। बेटे ने पिता के लिए वेबसाइट से बुकिंग कर दी। इसके लिए उन्होंने 38,500 रुपये भी जमा कर दिए। वेबसाइट पर 12 से 18 अप्रैल के लिए उनकी बुकिंग कंफर्म दिखा दी गई। अब उनके पिता इलाज करवाने के लिए सेंटर पहुंचे। रिसेप्शन पर ऑनलाइन हुई बुकिंग के बारे में बताया। रिसेप्शनिस्ट ने बुकिंग के बारे में अपने सिस्टम पर चेक किया तो वहां बुजुर्ग के नाम से कोई बुकिंग नहीं मिली। अब रिसेप्शनिस्ट ने उन्हें कहा, आपके साथ साइबर फ्रॉड हो गया है। आपने पतंजलि की जगह साइबर ठगों को रुपये दे दिए हैं।

फर्जी वेबसाइट से करते हैं खेला-

पतंजलि से ही बुजुर्ग को यह पता चला कि पतंजलि के नाम पर आए दिन साइबर ठग फर्जी वेबसाइट बना लेते हैं। इसके बाद जब लोग पतंजलि के बारे में सर्च करते हैं तो फर्जी वेबसाइट पर जाकर उनके चंगुल में फंस जाते हैं।

ऐसे बचा जा सकता है-

साइबर यूनिट में तैनात पुलिस सूत्र ने बताया, ठग अक्सर बड़े संस्थानों के नाम से फर्जी वेबसाइट बना लेते हैं, जो दिखने में एकदम असली लगती है। मगर थोड़ी सी समझदारी दिखाकर इससे बचा जा सकता है। फर्जी वेबसाइट की हिस्ट्री 3 या 4 महीने से ज्यादा पुरानी नहीं होती है। अगर किसी वेबसाइट पर जाते हैं तो एक बार उसकी हिस्ट्री जरूर देख लें।