UP में हुआ पंचायत चुनाव से पहले बड़ा ऐलान, आरक्षण इस आधार पर होगा तय
UP News : उत्तर प्रदेश में 2026 में होने वाले पंचायत चुनावों की तैयारियों के मद्देनज़र सरकार ने एक नया आयोग गठित करने का निर्णय लिया है। यह आयोग विशेष रूप से ग्रामीण स्थानीय निकायों (ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत) में पिछड़े वर्ग (OBC) को प्रतिनिधित्व देने से जुड़े मामलों पर काम करेगा।

Uttar Pradesh News: अगले वर्ष यूपी में पंचायत चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए आरक्षण बनाने का प्रयास शुरू हो गया है। शुक्रवार को कैबिनेट ने राज्य के स्थानीय ग्रामीण निकायों द्वारा समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना की अनुमति दी। पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण इस आयोग में प्रस्तावित होगा। इसी पर आरक्षण निर्धारित किया जाएगा।
राज्य स्थानीय ग्रामीण निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग को अगले वर्ष होने वाले पंचायत चुनावों के लिए मंजूरी दी गई है। शुक्रवार को कैबिनेट ने इसे मंजूर किया। आयोग को मंजूरी मिलने के बाद पंचायत चुनाव की तैयारियां और तेज हो जाएंगी। यह आयोग पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देगा और इसके आधार पर पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को सीटों पर आरक्षण मिलेगा।
फिलहाल, पिछड़े लोगों को पंचायत चुनाव में अलग-अलग पदों पर आरक्षण दिया जाएगा। आयोग की देखरेख में पूरा काम होगा, इसलिए कोई गड़बड़ी नहीं होगी। इस आयोग की स्थापना नहीं होने से पिछले नगर निकाय चुनाव टालने पड़े। फिर सरकार ने एक आयोग बनाया और पिछड़ों को आरक्षण देने के लिए लोगों को चुनाया।
शिकायतें पंचायत चुनाव नजदीक आते ही बढ़ी
पंचायत चुनाव के नजदीक आते ही ग्रामीणों की शिकायतें शहर की ओर बढ़ना शुरू कर दी हैं। गांवों के विकास में कमी की शिकायतें बीडीओ से लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों तक फैली हुई हैं। वर्तमान ग्राम प्रधान पर कई आरोप लग रहे हैं, जो पंचायत चुनाव के संभावित प्रत्याशी लगा सकते हैं। बागपत विकास भवन में हर दिन दस से पंद्रह शिकायतें अधिकारियों को मिलती हैं। चुनाव को लेकर गांवों में हिंसा बढ़ी है। गांवों में विकास कार्यों को लेकर बहस शुरू हो गई है, भले ही पंचायत चुनाव में अभी छह महीने से अधिक का समय है। अफसरों को शिकायतें मिलने लगी हैं। जिला पंचायत राज विभाग सबसे अधिक शिकायतों का सामना करता है।
आरक्षण को लेकर चिंतित दावेदार
पंचायत चुनाव में आरक्षण की मांग करने वाले दावेदार दिख रहे हैं कि बेचैन हैं। हर कोई अपने-अपने ढंग से सोच रहा है कि एससी, ओबीसी, महिला या सामान्य व्यक्ति को कौन सी सीट मिलेगी। इस बीच, कैबिनेट ने पिछड़ा वर्ग आयोग को मंजूरी दी है और प्रक्रिया में भी तेजी आई है।