UP वासियों को बड़ा फायदा, 57 गांवों से निकाली जाएगी नई रेल लाइन की पटरी

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की जनता को एक महत्वपूर्ण सौगात मिली है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा लगातार बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) को नई दिशा करने देने के लिए नए-नए प्रोजेक्ट्स की सौगात दी जा रही है। रेलवे सेक्टर में भी अब एक और नई रेलवे लाइन परियोजना की शुरुआत हुई है, जिसमें 57 गांवों से होकर गुजरने वाली हैं। आनंदनगर-घुघली रेल लाइन को पार करना आसान होगा। नई रेल लाइन बिछने से कई जिले लाभ उठाएंगे। किसानों को इससे बहुत अच्छा खासा मुआवजा मिल रहा है। महराजगंज में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। आनंदनगर-घुघली नई रेलवे लाइन परियोजना उत्तर प्रदेश में 57 गांवों से गुजरेगी। नई रेलवे लाइन परियोजना से कई इलाकों को तगड़ा फायदा मिलने वाले हैं।
अलग-अलग भाग मिलेंगे
नई रेल परियोजना राज्य को जोड़ने और यात्रा को आसान बनाने में महत्वपूर्ण होगी। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में 70 परियोजनाओं के माध्यम से 5,958 किलोमीटर की नई लाइनें बनाई जा रही हैं। भविष्य में जिला मुख्यालय को रेलवे से जोड़ने से परिवहन की समस्या हल हो जाएगी। परियोजना के धरातल पर आने के बाद लोगों का जीवन तेज हो जाएगा। वहीं उद्योग धंधों की विकास की राह रफ्तार पकड़ने वाली हैं ।
बनाए जाएंगे पुल
नई रेल लाइन बनाने के लिए पुलों का निर्माण, रेल पटरियों का विस्तार और अन्य कई कार्यों की आवश्यकता होती है। रेलवे ने इन परियोजनाओं को प्राथमिकता दी है ताकि जिला मुख्यालय को रेलवे लाइन से जोड़ा जा सके और क्षेत्रीय विकास में मदद मिल सके।
महराजगंज अभी रेल सेवा से बाहर है
महराजगंज एकमात्र जिला मुख्यालय है जो अभी भी रेलवे सेवा से वंचित है। बता दे की 53 किमी लंबी नई रेल लाइन बनाने के लिए रेल मंत्रालय ने 57 गांवों में 194 हेक्टेयर जमीन खरीदेगी। महराजगंज की इस परियोजना से तस्वीर में बहुत कुछ नया होने वाला हैं। जिन क्षेत्रों में अभी रोजगार के अवसर नहीं हैं, वहां आत्मनिर्भर बनना आसान होगा।
स्टेशन बनाने से काम मिलेगा
इस क्षेत्र में स्टेशन बनाने से आसपास होटल और दुकानें खुल जाएंगी। इससे स्थानीय विकास और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। परिवहन की भी समस्या दूर होगी। यानी क्षेत्र में बहुत कुछ बदल जाएगा। आजकल दिन ढलने के बाद महराजगंज जिला मुख्यालय से कहीं जाना मुश्किल हो जाता है। महुआवा के आसपास स्टेशन बनने की चर्चा है। इसके बाद इलाके का आवागमन आसान हो जाएगा। अब यह क्षेत्र नगर पालिका का हिस्सा है।
रेलवे स्टेशन से दूरी
लंबे समय से प्रतीक्षित रेल लाइन बिछने के बाद, पंजाब और दिल्ली से असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों की ओर चलने वाली ज्यादातर रेलगाड़ियों को इसी मार्ग से चलना होगा। इससे रेलमार्ग से दूरी कम होगी, जिससे ढुलाई की लागत भी कम होगी।इससे क्षेत्र के लोगों को बहुत लाभ होगा। रोहिणी नदी पर रेल सेतु बनाने का टेंडर भी रेलवे ने जारी किया है। 429 करोड़ रुपये के टेंडर इसके लिए निकाले गए हैं।