UP बिजली विभाग का बड़ा फैसला, अब घर-घर आएंगे अधिकारी
The Chopal (UP Bijli Bill) : बिजली उपभोक्ताओं को अब बिल जमा करने में कोई परेशानी नहीं होगी। बिजली निगम ने निजी संस्थाओं से सौदे किए हैं। इन संस्थाओं में काम करने वाले कर्मचारी डोर-टू-डोर जाकर बिजली का बिल कैश जमा करेंगे। भी मौके पर रसीद देंगे। उपभोक्ता इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देंगे। एजेंसी भी अलग-अलग डिवीजन में बिल जमा करने के लिए काउंटर खोलेगी. इससे उपभोक्ता आसानी से बिल जमा कर सकेंगे।
गोरखपुर क्षेत्र में लगभग आठ लाख लोग बिजली का उपभोग करते हैं। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने उपभोक्ताओं की सुविधा को देखते हुए चार संस्थाओं से सौदे किए हैं। इन संस्थाओं के कर्मचारी कम से कम दो लाख रुपये की बिजली बना सकते हैं। बिल के अनुसार कमीशन मिलेगा। यह प्रणाली यूपी के राज्यों में इलेक्ट्रीसिटी बिल्स को एकत्र करने से लागू की गई है। बिल जमा करने पर भी संस्था को कमीशन मिलेगा।
एजेंसी कर्मचारियों को ड्रेस और आईकार्ड उपलब्ध कराएगी
बिजली निगम ने इस काम को मेसर्स सरल ई कॉमर्स लिमिटेड, मेसर्स राना पे इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स सहज रिटेल लिमिटेड, मेसर्स बीएलएस इंटरनेशनल लिमिटेड और मेसर्स वयम टेक्नालॉजी लिमिटेड को सौंपा है। साथ ही, संस्थाएं अपने कर्मचारियों को ड्रेस और आईकार्ड देंगे।
अफसर ने कहा
उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए बिजली बिल जमा कराने के लिए कंपनियों के साथ समझौता किया गया है, जैसा कि शहरी अधीक्षण अभियंता लोकेंद्र बहादुर सिंह ने बताया। संस्थान के कर्मचारी उपभोक्ताओं को बिल जमा करने में मदद करेंगे। उपभोक्ताओं को इसके बदले कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। उपभोक्ताओं का बिल आसानी से काउंटर और घर पर मिल सकेगा।
बिजली निगम को पता चलेगा कि मीटर रीडर फील्ड में हैं या नहीं।
बिजली निगम ने मीटर रीडरों के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए अब मीटर रीडरों की स्थानों को ट्रेस करने की योजना बनाई है। इससे पता लगाया जाएगा कि उपभोक्ताओं के घर मीटर रीडर आ रहे हैं या नहीं। मीटर रीडर क्षेत्र में नहीं दिखने पर कार्रवाई की जाएगी।
बिजली निगम को लंबे समय से शिकायत मिल रही है कि मीटर रीडर उपभोक्ताओं को घर बैठे तीन से चार महीने का अतिरिक्त बिल दे रहे हैं। इसमें कुछ ग्राहक कम बिल देते हैं और कुछ अधिक। चारों उपखंडों से हर महीने 200 से अधिक शिकायतें मिलती हैं। बिजली निगम ने इन शिकायतों को देखते हुए सभी मीटरों की स्थिति को ट्रेस करने का निर्णय लिया है। इसके तहत सभी मीटर रीडरों को अपनी जगह बताने की जानकारी दी गई है।
इसके आधार पर निगम किस क्षेत्र में मीटर रीडर है और कितने लोगों का बिल बना रहा है। बिल बनाने में उसे कितना समय लग रहा है और वह एक ही स्थान पर बैठकर बिल बना रहा है? मीटर रीडरों की निगरानी के लिए उनका स्थान ट्रेस करने का निर्णय लिया गया है, जैसा कि शहरी अधीक्षण अभियंता लोकेंद्र बहादुर सिंह ने बताया। इससे पता चल सकेगा कि वह क्षेत्र में हैं या नहीं। इस दौरान बिल बनाने में लगे समय की भी जानकारी मिल सकेगी। लापरवाह मीटर रीडरों को दंडित किया जाएगा।
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