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MP में 19 साल बाद शुरु हो गई बड़ी तैयारी, सड़कों पर दौड़ेंगी सस्ती और टिकाऊ सरकारी बसें

MP Transport Corporation : मध्य प्रदेश में सड़क परिवहन निगम को 19 साल बाद फिर से शुरू करने की कोशिश हो रही है। मोहन सरकार ने इस परियोजना को शुरू करने के लिए संबंधित अधिकारियों को ड्राफ्ट बनाने के लिए कहा है। प्रदेश के यात्रियों को सड़क परिवहन निगम की पुनर्गठन से लाभ होगा। सरकार पहले आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों और कुछ जिलों में सड़क परिवहन सेवा शुरू करने की कोशिश कर रही है।

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MP में 19 साल बाद शुरु हो गई बड़ी तैयारी, सड़कों पर दौड़ेंगी सस्ती और टिकाऊ सरकारी बसें 

MP News : साल 2025 के पहले मध्यप्रदेश में सस्ता और टिकाऊ लोक परिवहन सेवा फिर से शुरू हो सकती है, जो पिछले 19 साल से बंद है। मोहन सरकार ने इस पर और अधिक ध्यान दिया है। सरकार पहले आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों और कुछ जिलों में सड़क परिवहन सेवा शुरू करने की कोशिश कर रही है।

एक पीपीपी मोड पर सेवाएं शुरू करने से जुड़ा है, जबकि दूसरा 100 प्रतिशत विभागीय नियंत्रण में सस्ती लोक परिवहन सेवाओं को प्रदान करने से जुड़ा है। आइएएस मनीष सिंह अब यह काम करेंगे। सोमवार देर रात हुए बदलावों में सिंह को परिवहन विभाग का अपर सचिव नियुक्त किया गया है। साथ ही मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का प्रबंध संचालक भी बनाया गया है। अब तक, संजय कुमार जैन ने सरकार की मंशा के अनुरूप सड़क परिवहन निगम को फिर से शुरू करने के कई प्रस्ताव बनाए हैं।

मंत्री ने कहा कि तैयारियां तेजी से चल रही हैं

परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने चर्चा में कहा कि विभाग तेजी से जन कल्याण से संबंधित मुद्दे पर काम कर रहा है। संभवतः 50% काम पूरा हो चुका है: जनवरी में टिकाऊ लोक परिवहन सेवा शुरू कर देंगे। विभाग के स्तर पर योजनाएं बनाई जा रही हैं, जो सीएम के मार्गदर्शन में आगे बढ़ेंगे।

इलेक्ट्रिक बस परियोजना पर चल रहे कार्य:

इलेक्ट्रिक बसें और GPS सिस्टम:

अधिकांश बसें इलेक्ट्रिक होंगी और जीपीएस प्रणाली से लैस होंगी, ताकि यात्रियों को पारदर्शी किराया व्यवस्था और यात्रा की ऑनलाइन निगरानी मिल सके।

अग्रिम किराया भुगतान और कार्ड सुविधा:

यात्रियों को अग्रिम किराया भुगतान और कार्ड का विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे भुगतान प्रक्रिया आसान और सुविधाजनक होगी।

सीसीटीवी आधारित सुरक्षा:

बसों में सीसीटीवी सुरक्षा की व्यवस्था होगी ताकि सुरक्षा में कोई लापरवाही न हो और पिछली समस्याओं का समाधान हो सके।
यह नई व्यवस्था सार्वजनिक परिवहन को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी, और यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाएगी।