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UP में सरकारी कर्मचारियों के लिए आई बड़ी अपडेट, योगी सरकार लाई नई पॉलिसी

UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने इस वर्ष भी स्थानांतरण (ट्रांसफर) नीति को पूर्ववत रूप में ही लागू करने का निर्णय लिया है, यानी 2024 की नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका मतलब यह है कि स्थानांतरण की प्रक्रिया 15 मई से 15 जून 2025 तक चलाई जाएगी।

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UP में सरकारी कर्मचारियों के लिए आई बड़ी अपडेट, योगी सरकार लाई नई पॉलिसी 

Uttar Pradesh News : मंगलवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्थानांतरण नीति को मंजूरी दी है। सरकार ने कहा कि राज्य में 15 मई से 15 जून तक सभी विभागों में स्थानांतरण होगा। खास बात यह है कि इस बार भी पिछले वर्ष की नीति को बरकरार रखा गया है; इसमें कोई नया बदलाव या संशोधन नहीं हुआ है। फिलहाल राज्य सरकार के अधीन प्रदेश में आठ लाख से अधिक लोग काम करते हैं। इन सभी के लिए ट्रांसफर नीति लागू होगी, लेकिन प्रक्रिया केवल निर्धारित नियमों और अवधि के अनुसार होगी। उन्हें स्थानांतरण की सूची में प्राथमिकता दी जाएगी जिन कर्मचारियों ने जिले में तीन वर्ष और मंडल स्तर पर सात वर्ष का अनुभव किया है।

मनचाही स्थान पर स्थानांतरण की व्यवस्था

स्थानांतरण की प्रक्रिया को अधिक स्पष्ट और व्यवस्थित बनाने के लिए, "पिक एंड चूज" यानी मनचाही स्थान पर स्थानांतरण की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। सरकार का मानना है कि इससे न केवल विभाग में पारदर्शिता बनी रहेगी, बल्कि कर्मचारियों में असंतोष भी कम होगा। श्रेणी "क" और "ख" के अधिकारियों में से अधिकतम 20 प्रतिशत स्थानांतरित किए जा सकेंगे। साथ ही, समूहों "ग" और "घ" के कर्मचारियों को 10 प्रतिशत तक ट्रांसफर संबंधित विभागाध्यक्ष की अनुमति से संभव होगा. यदि किसी विभाग को इससे अधिक कर्मचारियों के तबादले की आवश्यकता होती है, तो इसके लिए संबंधित मंत्री से विशेष स्वीकृति चाहिए। विभागाध्यक्ष, मंत्री की अनुमति से तबादले कर सकेंगे। इसका मतलब है कि अब अधिकारियों को तबादले करने के लिए मंत्री से परमिशन लेनी होगी। गौरतलब है कि प्रदेश में लगभग सात लाख राज्य कर्मचारी हैं।

इसके अलावा, प्रशासनिक पुनर्गठन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है कि राज्य कर विभाग को अब सेवा कर विभाग का दर्जा भी दिया गया है। यह निर्णय विभागीय कार्यों को आसान बनाएगा और कर संग्रहण में पारदर्शिता लाएगा। सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि सभी ट्रांसफर प्रक्रियाएं 15 जून तक पूरी होंगी। इसके बाद कोई स्थानांतरण का अनुरोध नहीं किया जाएगा, जिससे कामकाज में स्थिरता बनी रहेगी।