Bihar News : बिहार में 12वीं पास विद्यार्थियों की नए साल पर होगी बल्ले-बल्ले, होने जा रहा यह काम

Bihar News Today : राज्य के विश्वविद्यालयों में नए साल से बारहवीं कक्षा को पास करने वाले विद्यार्थियों के लिए छोटे-छोटे स्किल कोर्स शुरू होंगे। ये पाठ्यक्रम तीन से छह महीने के होंगे और स्मार्ट सिटी से लेकर 5जी कनेक्टिविटी तक शामिल होंगे। शॉर्ट-टर्म कोर्स पूरा करने वाले विद्यार्थियों को भी इंटर्नशिप मिलेगा। उन विद्यार्थियों का प्लेसमेंट भी इसके बाद होगा।
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शॉर्ट-टर्म कोर्स पूरा करने वाले विद्यार्थियों को भी इंटर्नशिप मिलेगा। उन विद्यार्थियों का प्लेसमेंट भी इसके बाद होगा। यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) की गाइडलाइनों के अनुसार, राजभवन सचिवालय ने सभी विश्वविद्यालयों को इस संबंध में दिया है।
इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रत्येक विश्वविद्यालय यूजीसी द्वारा शॉर्ट-टर्म कोर्स लागू करने से संबंधित गाइडलाइन के अनुरूप स्किल डेवलपमेंट से जुड़ा एक सेंटर स्थापित करे। इसके लिए, सभी विश्वविद्यालयों को अपने पैसे से स्किल डेवलपमेंट सेंटर के लिए मजबूत आधारभूत संरचना बनाने का भी आदेश दिया गया है।
विद्यार्थियों के लिए प्रायोगिक कक्षाएं भी होंगी
राजभवन सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शर्ट-टर्म स्किल कोर्स का उद्देश्य विद्यार्थियों को हुनर से दक्ष बनाना है ताकि वे उद्योगों की जरूरतों के अनुसार खुद को तैयार कर सकें। UCSC ने स्किल कोर्स के लिए कम से कम बारह क्रेडिट स्काेर और अधिकतम चालीस क्रेडिट स्काेर निर्धारित किए हैं, जिसमें विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ प्रायोगिक कक्षाएं भी दी जाएंगी। विद्यार्थियों को एकेडमिक बैंक क्रेडिट के आधार पर क्रेडिट प्राप्त करने के लिए कम से कम पंद्रह घंटे की पढ़ाई करनी होगी। साथ ही, प्रायोगिक प्रशिक्षण में क्रेडिट के लिए 30 घंटे काम करना होगा।
एक घंटे की सैद्धांतिक कक्षाएं होंगी और दो घंटे की प्रायोगिक कक्षाएं होंगी।
विश्वविद्यालयों को शॉर्ट-टर्म स्किल कोर्स में एक घंटे सैद्धांतिक और दो घंटे प्रायोगिक कक्षाएं देनी होंगी। इसके अलावा, प्रत्येक कोर्स की लागत पहले से ही घोषित की जाएगी। साथ ही विद्यार्थियों को कोर्स फीस वापस लेने का विकल्प भी देना होगा अगर वे नहीं चाहते हैं। इंटर्नशिप की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए, विश्वविद्यालयों को स्किल से जुड़े कोर्स को शुरू करने के लिए अपने क्षेत्रों में काम करने वाले उद्योगों से भी सहयोग लेना होगा। विद्यार्थियों को इंटर्नशिप के बाद प्लेसमेंट भी मिलना चाहिए।
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इन क्षेत्रों से संबंधित छोटे-छोटे पाठ्यक्रम लागू होंगे
रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, स्मार्ट सिटी, डाटा साइंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, वर्चुअल रियलिटी, साइबर सिक्यूरिटी, 5जी कनेक्टिविटी, डिजिटल ट्रांसफार्मेशन, इंडस्ट्रियल आटोमेशन, इलेक्ट्रानिक्स डिजायन, इलेक्ट्रानिक्स मैनुफैक्चरिंग, 3D प्रिटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग जैसे 30 विषयों