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Bihar News : बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को मिली बड़ी सौगात, बिजली की आंख मिचौली अब होगी बंद

Bihar News : बिहार में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है। बिहार में बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए अब करोड़ों रुपए खर्च किए जाएंगे। पढ़ें पूरी खबर

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Bihar News : बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को मिली बड़ी सौगात, बिजली की आंख मिचौली अब होगी बंद 

Bihar News : बिहार में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है। बिहार में बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए अब करोड़ों रुपए खर्च किए जाएं बिहार में बिजली ट्रांसमिशन का प्रबंध और मजबूत होगा। बिहार सरकार इस पर सात सौ करोड़ से अधिक खर्च करेगी। बिजली कंपनी ने राज्य के लगभग दो दर्जन सब स्टेशनों में लगे उच्च शक्ति के पावर ट्रांसफॉर्मरों को अपग्रेड करने का फैसला किया है। 50, 100 और 200 एमवीए के नए पावर ट्रांसफॉर्मर इसके तहत लगाए जाएंगे।

वहीं, 220 केवीए और 132 केवीए की आधा दर्जन ट्रांसमिशन लाइनों को नवीनीकरण और आधुनिकीकरण किया जाएगा, जो कई जिलों को जोड़ते हैं। इन योजनाओं पर बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने 380 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है। केंद्रीय योजना RDSS (रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) के तहत बिजली नुकसान को कम करने के उद्देश्य से 7305 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं पर भी काम शुरू होगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष में, ऊर्जा विभाग ने बिजली कंपनियों को इन कामों को पूरा करने के लिए करीब 725 करोड़ रुपये दिए हैं।

बिजली कंपनियों की योजना के अनुसार, राज्य के दो दर्जन पावर सब स्टेशनों में 50 एमवीए क्षमता के नए पावर ट्रांसफॉर्मर बनाए जाएंगे। इसके लिए 37.58 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। साथ ही 100 एमवीए के चार नए ट्रांसफॉर्मर और 160 एमवीए के एक ट्रांसफॉर्मर को 200 एमवीए में बदलने के लिए 22.63 करोड़ रुपये भी दिए गए हैं। इन नए पावर ट्रांसफॉर्मरों के लगने से संबंधित क्षेत्र में बिजली की सुविधा में सुधार होगा। साथ ही बढ़ती जनसंख्या को निर्बाध बिजली आपूर्ति करना भी आसान होगा।

जिलों में लो वोल्टेज, ट्रिपिंग की समस्या दूर होगी

बिजली कंपनी ने विभिन्न जिलों को जोड़ने वाले 220 केवीए के दो और 132 केवीए के छह ट्रांसमिशन लाइनों का आधुनिकीकरण करने के लिए भी 298 करोड़ की योजना बनाई है। इसके लिए भी 147.66 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। संबंधित जिलों में लो वोल्टेज और ट्रिपिंग की समस्या दूर हो जाएगी। विद्युत आपूर्ति की क्षमता भी बढ़ेगी। नुकसान को कम करने के लिए कंपनियों ने साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को 217 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। ऊर्जा सब स्टेशनों की आधुनिकीकरण और डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मरों की सुधार पर बहुत अधिक धन खर्च होगा।