बिहार में एमएसपी से ज्यादा दरों गेहूं खरीद रहें व्यापारी, घर से ही सीधा ऑफर

The Chopal, Wheat Crop MSP : न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक कीमत मिलने पर किसान, अपना गेहूं सरकारी गोदाम की बजाय दूसरे व्यापारियों को बेच रहे हैं कारण वह किसानों को अच्छा दाम दे रहें है बांका जिले में गेहूं खरीद को काफी दिन हो चुके हैं अब तक कुछ ही किसानों ने अपना गेहूं बेचने का ऑनलाइन आवेदन किया है, क्योंकि बाजार में गेहूं का मूल्य 2400 रूपए प्रति क्विंटल मिल रहा है जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 है अगर उत्पादन को देखा जाए तो इस बार यहां पर गेहूं की अच्छी पैदावार हुई है।
कृषि विभाग के आंकड़े के अनुसार, 38 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई थी। प्रति हेक्टेयर 20 से 22 क्विंटल तक उत्पादन का भी अनुमान है। इसके बाद भी किसान ना तो पैक्स को बेच रहे हैं और ना ही एफसीआइ को ही। सहकारिता विभाग की ओर से गेहूं की खरीद के लिए 106 पैक्स और व्यापार मंडल को अनुमति दी गई है।
इसके साथ ही एफसीआइ ने रजौन के तेरहमाइल और अमरपुर प्रखंड में गेहूं की खरीदारी के लिए केंद्र खोला है। जहां पर किसान सीधे गेहूं बेच सकते हैं। यहां 15 मार्च से 15 जून तक गेहूं खरीद की जानी है। जबकि जिले को तीन हजार एमटी गेहूं की लक्ष्य मिला है।
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद में तेजी नहीं आने के पीछे बाजार मूल्य अधिक होना बताया जा रहा है। हालांकि भुगतान के लिए किसानों को पैक्स और व्यापार मंडल में भी बेचने पर इंतजार नहीं करना होगा। पैक्सों को सात-सात लाख का सीसी दिया गया है। गेहूं की खरीद होने के 48 घंटे के अंदर भुगतान किया जाना है।
2400 से अधिक है बाजार मूल्य
सरकार ने इस बार गेहूं की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। जबकि बाजार में किसानों को प्रति क्विंटल 2400 रुपए के आसपास मिल रहा है। साहूकार और व्यवसाई किसानों को उसके खेत में ही एमएसपी से अच्छी रकम दे रहे है।
विभाग की बढ़ी टेंशन
गेहूं खरीद में महीने भर बाद भी तेजी नहीं आने से विभाग की चिंता बढ़ गई है। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया है कि पैक्सों को गेहूं खरीद के लिए निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि किसानों से भी अनुरोध किया जा रहा है कि वे पैक्स और व्यापार मंडल में समर्थन मूल्य पर गेहूं की बिक्री करें। भुगतान 48 घंटे के अंदर उनके खाता में किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गेहूं की बिक्री करने में किसी भी तरह की समस्या आने पर तुरंत इसकी सूचना दें। किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। सभी प्रभारी प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी किसानों को समितियों में गेहूं बिक्री करने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया गया है।