UP के इन शहरों में घर बनाना नहीं रहेगा आसान, योगी सरकार का प्लान रोकेगा मनमानी
UP News : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में छोटे शहरों को व्यवस्थित रूप से विकसित करने को लेकर बड़ा कदम उठाया है। छोटे शहरों का विकास भी बड़े शहरों की तर्ज पर करवाने को लेकर यूपी सरकार लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री की तरफ से छोटे शहरों में भवन निर्माण को लेकर भी बड़ी अपडेट दी गई है। इसको लेकर पहले चरण में 59 शहरों के लिए मास्टर प्लान बनाया जा रहा है।
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में पूरे प्रदेश में समान विकास के उद्देश्य से पिछले कुछ वर्षों में सरकार की तरफ से सराहनीय कदम उठाए गए हैं। प्रदेश के बड़े शहरों की तर्ज पर छोटे शहरों का भी सुनियोजित ढंग से विकास हो सके इसको लेकर सरकार की तरफ से बड़ा मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। छोटे शहरों में बिल्डिंग निर्माण में होने वाली मनमानी पर रोक लगाने के लिए सरकार की बड़ी तैयारी है।
छोटे शहरों विकास के लिए सराहनीय कदम
योगी सरकार अब छोटे शहरों के लिए मास्टर प्लान बनाने की तैयारी कर रही है, जिससे उनके विकास को नियंत्रित किया जा सके और बिल्डिंग निर्माण में अनियमितता को रोका जा सके। प्रदेश में 63 शहर हैं, जहां जमीन का इस्तेमाल करने पर महानगर की तरह नक्शा पास करवाना अनिवार्य होने वाला हैं। इस मास्टर प्लान पर आवास विभाग के आला अधिकारी भी तैयारियों में जुटे हैं। योगी सरकार भी छोटे शहरों के लिए मास्टर प्लान बनाने की योजना बना रही है। प्रदेश में 63 शहर हैं, जहां जमीन का इस्तेमाल करने पर नक्शा पास किया जाएगा।
छोटे शहरों योजनाबद्ध रूप से विकसित करने का मास्टर प्लान
छोटे शहरों को बड़े शहरों की तरह योजनाबद्ध रूप से विकसित करने और भवन निर्माण के मानक बनाने का आदेश दिया गया है। आवास विभाग इस खंड में भवन निर्माण एवं विकास मास्टर प्लान बनाने जा रहा है। इस मास्टर प्लान को उन सभी शहरों में लागू किया जाएगा, जहां विकास प्राधिकरण नहीं है। इसे यानी नगर पंचायत और नगर पालिका परिषद वाले शहरों में लागू किया जाएगा। अब अंतिम चरण में अमृत योजना से जुड़े 59 शहरों के लिए विभाग मास्टर प्लान बना रहा है। दूसरे चरण में 63 शहरों के लिए भी सर्वोत्तम योजना बनाने की योजना है। योजना तैयार होने के बाद ही निर्माण की अनुमति दी जाएगी और नक्शा पास किया जाएगा।
अवैध निर्माण एक बहुत बड़ी समस्या
छोटे शहरों में घर बनाने के कोई मानक नहीं होने से अवैध निर्माण एक बहुत बड़ी समस्या बन गया है। शहरों का अनियंत्रित विस्तार भी इससे होता है। मॉडल विकास उपविधि नहीं लागू होने से लोग मनमाने ढंग से घर बना रहे हैं। खास तौर पर सड़कों से सटी जमीन पर बनाए गए आवासीय और व्यावसायिक इमारतों का खतरा बढ़ गया है। यह देखते हुए उपविधि को लागू करने का प्रबंध है। सड़कों के किनारे की जमीन पर बने घर और कॉमर्शियल बिल्डिंग खतरे को बढ़ाते हैं. प्लान तैयार होने के बाद इसके मुताबिक ही भवन निर्माण की अनुमति दी जाएगी और नक्शा पास किया जाएगा.
50 हजार आबादी वाले शहर शामिल
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि छोटे शहर भी बड़े शहर की तरह विकसित होंगे और उनके निर्माण के लिए मानक बनाए जाएंगे। अब तक एक लाख से अधिक लोगों वाले शहरों के लिए मास्टर प्लान बनाया गया था, लेकिन अब 50 हजार से 1 लाख लोगों वाले 63 शहरों के लिए भी मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। इसी योजना पर आवास विभाग के भवन निर्माण एवं विकास विभाग प्लान बना रहा है।
नगर निकाय का बोर्ड नियमानुसार बनता है नक्शा
वो शहर जहां विकास प्राधिकरण नहीं है, वहां नगर निकाय का बोर्ड नियमानुसार नक्शा पास करता है. इसमें जमीन का किस तरह से इस्तेमाल किया जाएगा और तल पट क्षेत्र अनुपात (एफएआर) का कोई ख्याल नहीं रखा जाता है. जिसके चलते बड़े नक्शे पास करने में जमकर मनमानी होती है.