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UP में घर बनाना होगा महंगा, ईंट, मौरंग, बालू सहित इन चीजों पर लगेगी जीएसटी

खनन सेवाओं पर सेवाकर के मुद्दे के संबंध में आपने विस्तार से बताया है। यह समझने में मददगार है कि सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे के चलते कारोबारियों और सरकार के बीच यह विवाद है। जानिए विस्तार से 
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Building a house in UP will be expensive, GST will be imposed on these things including brick, mortar, sand

The Chopal News : यूपी में खनन सेवाओं पर 18% जीएसटी लगाने का निर्णय एक महत्वपूर्ण निर्णय है जिससे खनन सेक्टर पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। खनन के सेवाकर के रूप में इसे श्रेणीबद्ध करना सबसे महत्वपूर्ण है। इस निर्णय के चलते, ईंट, मौरंग, गिट्टी, मार्बल आदि के उत्पादों के दाम बढ़ सकते हैं, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

खनन सेवाओं पर सेवाकर के मुद्दे के संबंध में आपने विस्तार से बताया है। यह समझने में मददगार है कि सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे के चलते कारोबारियों और सरकार के बीच यह विवाद है। सेवाकर के अलावा खनन से जुड़ी रॉयल्टी का मुद्दा भी है, जिस पर विचाराधीनी मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

आपके द्वारा बताया गया है कि कारोबारियों का कहना है कि रॉयल्टी भी एक प्रकार का कर है, इसलिए एक ही उत्पाद पर दो टैक्स (रॉयल्टी और जीएसटी) नहीं लिया जा सकता है। इस पर राज्य कर विभाग ने यह दावा किया है कि जीएसटी लागू होने के बावजूद रॉयल्टी को समझकर खनन सेवाओं पर 18% जीएसटी लागू किया जा सकता है।

आपने इस विवाद के समर्थन और विरोध की दोनों पक्षों के तर्कों को स्पष्ट किया है और यह समझने में मदद करता है कि इस मुद्दे का सुप्रीम कोर्ट में फैसला क्यों अदृश्य हो रहा है। इससे खनन कारोबारियों के लिए पूंजी की समस्या उत्पन्न हो रही है, क्योंकि इस पर रिफंड नहीं मिलेगा।

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महंगा होगा घर से लेकर सड़क-पुल बनाना

खनन पर ही पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की नींव निर्भर है। 5 फीसदी सेवाकर पर ही विवाद है। अब इसे 18 फीसदी करने के साथ वसूली के आदेश देने से मिट्टी, बालू, मौरंग, क्रशर आदि के रेट बढ़ेंगे। इनके दाम बढ़ने से घर, पुल, सड़क सहित हर निर्माण की लागत 7 फीसदी तक बढ़ जाएगी। यानी 30 लाख में बनने वाला घर अब 32 लाख से ज्यादा में तैयार होगा।

टैक्स चोरी रोकने के लिए कड़ी जांच

- खनन से जुड़े वाहनों की जांच सचल दल करेंगे और बिलों का सत्यापन करेंगे।
- वाहन पर लदे खनिज पदार्थ पर अनुमानित रॉयल्टी का अनुमान, फिर जीएसटी का अनुमान।
- अंडर वैल्यूएशन पर नकेल के लिए कार्यदायी संस्था से मूल्य सूची लेगा विभाग।
- खनिज की मशीनरी के किराये और जेनसेट का भी सत्यापन होगा।
- खनन से जुड़े प्रत्येक कारोबारी का पंजीकरण अनिवार्य।

वरिष्ठ जीएसटी सलाहकार धर्मेंद्र श्रीवास्तव (सीए) ने कहा कि कानून में स्पष्टता लाई जाए। खनन से जुड़े लोगों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ दिया जाए। रिफंड मिल जाए तो पूंजी प्रवाह बना रहेगा। अन्यथा निर्माण सेक्टर में महंगाई बढ़ेगी।

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