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Bullet train: इतने दिन में बन जाएगी समुंद्र के नीचे बनने वाली देश की पहली सुरंग, डेड लाइन हुई फाइनल

देश में तमाम शहरों में अंडरग्राउंड मेट्रो चल रहीं हैं, इसके लिए भी सुरंग बनाई गयी थीं, लेकिन कोई सुरंग पानी के नीचे नहीं बनी है. हालांकि कोलकाता में हुबली के नीचे सुरंग है लेकिन वह केवल 520 मीटर लंबी है. समुद्र के नीचे इस तरह का निर्माण नहीं हुआ है. इसलिए यह सुरंग मेट्रो से अलग है.
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Bullet train: इतने दिन में बन जाएगी समुंद्र के नीचे बनने वाली देश की पहली सुरंग, डेड लाइन हुई फाइनल

The Chopal ( New Delhi ) प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्‍ट बुलेट ट्रेन का काम अब रफ्तार पड़ने वाला है. ट्रेन के लिए देश की पहली समुद्र के नीचे बनने वाली सुरंग के निर्माण का काम शुरू करने का समय तय हो गया है. यह सुरंग 21 किमी. लंबी होगी, खास बात यह है कि सात किमी. सुरंग समुद्र के नीचे बनेगी, जिसका निर्माण मुंबई में होगा.

मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्‍स से शुरू होगी. यहां पर पूरा स्‍टेशन और ट्रैक दोनों भूमिगत होंगे. यहां से सुरंग बनेगी जो समुद्र के नीचे से होकर जाएगी. इस सुरंग का निर्माण अपने आप में चैलेंज है, क्‍योंकि सात किमी.समुद्र के नीचे से गुजरेगी. अब इसके निर्माण कार्य शुरू करने का समय तय हो गया है. रेलवे मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव से पहले काम चालू हो जाएगा. इस तरह संभावना है कि मार्च 2024 से सुरंग के लिए खुदाई शुरू हो जाएगा. इसके लिए टेंडर पहले ही आवार्ड किए जा चुके हैं.

पहली बार बन रही है समुद्र के नीचे सुरंग

देश में पहली बार समुद्र के नीचे सुरंग बनने जा रही है. इसलिए अभी तक इस तरह की टनल बोरिंग मशीन नहीं है, अब अलग-अलग देशों से टीबीएम के पार्ट्स मंगाए जा रहे हैं और यहीं पर असेंबल किए जाएंगे. इसके बाद खुदाई का काम शुरू हो जाएगा. मंत्रालय के अनुसार दो से तीन माह में टीबीएम असेंबल हो जाएगी. यह सुरंग बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स भूमिगत स्टेशन और शिलफाटा के बीच होगी.

मेट्रो और इस सुरंग में फर्क

देश में तमाम शहरों में अंडरग्राउंड मेट्रो चल रहीं हैं, इसके लिए भी सुरंग बनाई गयी थीं, लेकिन कोई सुरंग पानी के नीचे नहीं बनी है. हालांकि कोलकाता में हुबली के नीचे सुरंग है लेकिन वह केवल 520 मीटर लंबी है. समुद्र के नीचे इस तरह का निर्माण नहीं हुआ है. इसलिए यह सुरंग मेट्रो से अलग है.

इस तकनीक का होगा इस्‍तेमाल

मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए सुरंग निर्माण में टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का इस्‍तेमाल किया जाएगा. विदेशों में यह तकनीक सफल है.

बुलेट ट्रेन पर एक नजर

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किमी लम्बी भारत की पहली हाई स्पीड रेल लाइन का निर्माण कर रहा है, जिसका 352 किमी मार्ग गुजरात के नौ और महाराष्‍ट्र के तीन जिलों से होकर गुजरेगा. परियोजना का कार्य इन सभी आठ जिलों में शुरू हो चुका है. इस कोरिडोर में 12 स्‍टेशन बनाए जा रहे.

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